Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Pakistan Economic Crisis: ''पाकिस्तान हो चुका है दिवालिया'', पाक के रक्षा मंत्री आसिफ का बयान

पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है और उसे संकट से उबारने का उपाय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान के भीतर ही मौजूद है। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कही है। File Photo

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 18 Feb 2023 10:36 PM (IST)
Hero Image
''पाकिस्तान हो चुका है दिवालिया'', पाक के रक्षा मंत्री आसिफ का बयान

सियालकोट, आईएएनएस। पाकिस्तान दिवालिया हो चुका है और उसे संकट से उबारने का उपाय अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान के भीतर ही मौजूद है। यह बात किसी और ने नहीं बल्कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कही है।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने उठाए सवाल

पाक के रक्षा मंत्री ने देश की इस स्थिति के लिए सरकारों, नौकरशाही और राजनीतिक लोगों को जिम्मेदार बताया है। आसिफ ने कहा, 'वह पिछले 33 वर्षों से संसद सदस्य हैं और 32 वर्षों से देश की राजनीति में गिरावट का सिलसिला देख रहे हैं। अब जबकि हालात हाथ से निकलते जा रहे हैं तब गंभीरता से सुधार के उपाय तलाशने की जरूरत है।'

रक्षा मंत्री ने कर्ज चुकाने का बताया रास्ता

रक्षा मंत्री ने कहा, 'आईएमएफ से कड़ी शर्तों पर कर्ज लेने से देश का भला नहीं होगा। सरकार देश में कीमती जमीन पर बने सिर्फ दो गोल्फ क्लब बेच दे तो प्राप्त धनराशि से देश का एक चौथाई कर्ज चुकाया जा सकेगा। इससे देश की आर्थिक स्थिति में सुधार आ जाएगा।' आसिफ सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी राय काफी मायने रखती है।

आतंकवाद पर बोले पाक के रक्षा मंत्री 

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए यह रास्ता उन्होंने समा टीवी से साक्षात्कार में सुझाया है। आसिफ ने कहा कि देश आतंकवाद का मजबूती से मुकाबला कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इसके लिए अथक प्रयास कर रही हैं। पिछली सरकार की नीतियों के कारण आतंकवाद को जड़ें जमाने का मौका मिला जिसकी सजा देश अब भुगत रहा है।

यह भी पढ़ें: गंगा-ब्रह्मपुत्र के मैदान वाले छह राज्यों में सात करोड़ से अधिक लोगों पर आर्सेनिक का खतरा

यह भी पढ़ें: Fact Check : झूठी है बैंकों के पासबुक के पीछे गीता का सार छपवाने की बात, RBI ने नहीं दिया ऐसा कोई निर्देश