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Pakistan: स्वात में आतंकवाद के बढ़ते मामलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, लोगों ने पूछा- कब तक चुप रहेंगे सीएम?

Pakistan News पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले में आतंकवाद के मामलों में इजाफा हुआ है जिससे आक्रोशित लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने मामले पर मुख्यमंत्री महमूद खान और निर्वाचित प्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

By Achyut KumarEdited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 06:25 PM (IST)
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Pakistan News: स्वात में आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन (फोटो- एएनआइ)
खैबर पख्तूनख्वा, एजेंसी। Pakistan News: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa province) के स्वात जिले (Swat district) में आतंकवाद (Terrorism) के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारी हालिया आतंकी घटनाओं की निंदा करने के लिए एकत्र हुए और घाटी में आतंकवादियों के पुनरुत्थान को रोकने के लिए कार्रवाई की मांग की।

डान की रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवाद से त्रस्त घाटी में शांति की मांग करने वाले आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग, वकील, ट्रांसपोर्टर, व्यापारी, डॉक्टर और छात्र शामिल थे, जिनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर आतंकवादियों के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। उन्होंने शांति की मांग की।

मुख्यमंत्री की चुप्पी पर उठे सवाल

आतंकवादियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करने और पाकिस्तान में आपराधिक गतिविधियों में वृद्धि के लिए सरकार को फटकार लगाने के अलावा, प्रदर्शनकारियों ने इस मामले पर मुख्यमंत्री महमूद खान और निर्वाचित प्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।

डॉन के अनुसार, कार्यकर्ताओं में जाहिद खान, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर सलीम खान, अब्दुल जब्बार खान, शेर शाह खान, अख्तर अली, अयूब अशरे, डॉ खालिद महमूद, इदरीस बच्चा, सरदार यूसुफजई सहित कई अन्य शामिल थे।

अक्टूबर 2021 में शुरू हुई बातचीत

जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण किया है, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से सीमा पार हमलों की शिकायत की है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो राजनयिक तनाव का स्रोत बन गया है। इस मुद्दे का राजनीतिक समाधान निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच अक्टूबर 2021 में बातचीत शुरू हुई थी।

नवंबर में हुआ एक महीने का युद्ध विराम

अफगान तालिबान के अनुरोध पर हुई वार्ता के कारण नवंबर में एक महीने का युद्धविराम हुआ। हालांकि, संघर्ष विराम अधिक समय तक नहीं चल सका क्योंकि मतभेद जल्द ही सामने आ गए।

टीटीपी के हथियार डालने के मुद्दे पर बना गतिरोध

टीटीपी और पाकिस्तान सरकार के बीच चल रही शांति वार्ता गतिरोध पर पहुंच गई क्योंकि प्रतिबंधित समूह ने खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के साथ तत्कालीन संघीय प्रशासित कबायली क्षेत्रों (एफएटीए) के विलय को उलटने की अपनी मांग को मानने से इनकार कर दिया। गतिरोध को तोड़ने के लिए हाल के हफ्तों में दोनों पक्षों के बीच कई बैठकों के बावजूद शांति समझौते के मामले में टीटीपी के हथियार डालने के मुद्दे पर भी गतिरोध बना हुआ है।

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