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मुश्किल में इमरान खान, पाक सुप्रीम कोर्ट ने दी बंदी पेश न करने पर समन की चेतावनी

पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बंदी आरिफ गुल को सोमवार को अदालत में पेश करने को कहा था। लेकिन खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के महाधिवक्ता साजिद इलियास ने कहा कि बंदी को इतनी दूर से यहां पेश कर पाना बेहद मुश्किल है।

By Neel RajputEdited By: Updated: Tue, 04 Jan 2022 04:17 PM (IST)
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पाकिस्तानी चीफ जस्टिस ने सरकार से पूछा-क्या अदालतों पर ताला लगा दें
नई दिल्ली, आइएएनएस। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गुलजार अहमद ने प्रधानमंत्री इमरान खान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वर्ष 2019 से कोहत में हिरासत में लिए गए आरिफ गुल को कोर्ट में पेश नहीं किया गया तो सुप्रीम कोर्ट पीएम इमरान खान के खिलाफ समन जारी करेगा।

डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने सरकार से पूछा है कि अगर आरिफ गुल को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता है तो क्या अदालतों पर ताला लगा दें? तीन जजों की पीठ की अगुआई करते हुए जस्टिस गुलजार ने आरिफ गुल के स्वजनों की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को स्वीकार करते हुए उसके बारे में इमरान सरकार से जानकारी तलब की है।

पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बंदी आरिफ गुल को सोमवार को अदालत में पेश करने को कहा था। लेकिन खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के महाधिवक्ता साजिद इलियास ने कहा कि बंदी को इतनी दूर से यहां पेश कर पाना बेहद मुश्किल है। चूंकि इस्लामाबाद से कोहत की दूरी काफी अधिक है। डान ने अपनी रिपोर्ट में जस्टिस अहमद ने महाधिवक्ता से कहा कि अगर गुल को कोर्ट में पेश नहीं किया गया तो न्यायपालिका के पास इतनी ताकत है कि वह समूचे रक्षा मंत्रालय को समन जारी कर सकता है।

पाक सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज की प्रोन्नति के विरुद्ध है विधिक समुदाय

समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार, पाकिस्तान के विधिक समुदाय ने अपनी खोखली सोच को उजागर करते हुए मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद को पत्र लिखकर गुरुवार को होने वाली पाकिस्तान के न्यायिक आयोग की बैठक को स्थगित करने को कहा है। इसी बैठक में लाहौर हाईकोर्ट की जस्टिस आएशा ए, मलिक को प्रोन्नति देकर सुप्रीम कोर्ट में लाने पर फैसला होना है। ऐसा होने की सूरत में पाकिस्तानी न्यायपालिका के इतिहास में आएशा सुप्रीम कोर्ट में पहली महिला जज बनेंगी। लेकिन ऐसा होने से पहले ही उनके रास्ते में रोड़े डाले जाने लगे हैं। पाकिस्तान बार काउंसिल (पीबीसी) के उपाध्यक्ष खुशदिल खान और कार्यकारी समिति के अध्यक्ष मुहम्मद मसूद चिश्ती ने ऐसा नहीं किए जाने की सूरत में कोर्ट की सभी सुनवाइयों का बहिष्कार करने का एलान किया है।