CPEC: भारत के संदेश का पाकिस्तान पर नहीं पड़ा असर, पाक-चीन ने सीपीईसी पर सहयोग जारी रखने की दोहराई बात
पाकिस्तान और चीन की प्रतिबद्धता इस्लामाबाद में दोनों देशों के रणनीतिक वार्ता के बाद सामने आई है जिसकी सह-अध्यक्षता पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और उनके चीनी समकक्ष किन गांग ने की। भारत ने शुक्रवार को सीपीईसी की आलोचना की थी। File Photo
इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने शनिवार को अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अपना सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। इससे एक दिन पहले भारत ने शुक्रवार को चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) की आलोचना की थी।
सीपीईसी परियोजना पर चीन-पाक ने जताई प्रतिबद्धता
पाकिस्तान और चीन की प्रतिबद्धता इस्लामाबाद में दोनों देशों के रणनीतिक वार्ता के बाद सामने आई है, जिसकी सह-अध्यक्षता पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और उनके चीनी समकक्ष किन गांग ने की। पाकिस्तानी सरकारी रेडियो ने बताया, "पाकिस्तान और चीन ने चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के उच्च गुणवत्ता विकास के लिए अपनी स्थायी प्रतिबद्धता दोहराई है।"
एससीओ सम्मेलन में जयशंकर ने दिया था स्पष्ट संदेश
इससे पहले, गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "मुझे लगता है कि एससीओ सम्मेलन में तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार स्पष्ट किया गया। यह कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन यह संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है।"
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा का एक दशका पूरा
इसके बाद, बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि इस साल सीपीईसी का एक दशक पूरा हो गया है, जिसने पाकिस्तान में सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और लोगों की आजीविका में सुधार को बेहतर गति प्रदान की है। बता दें कि सीपीईसी कॉरिडोर चीन की सहायता से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के माध्यम से 60 बिलियन अमेरिकी डालर का कॉरिडोर बनाया जा रहा है।
पाकिस्तान ने चीन का जताया आभार
बिलावल ने कहा, "यह सीपीईसी परियोजना दुनिया भर के सभी निवेशकों के लिए की गई एक आर्थिक पहल है।" उन्होंने कहा, "सीपीईसी बेल्ट एंड रोड सहयोग का एक शानदार उदाहरण है, जो पाकिस्तान में सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और लोगों की आजीविका में सुधार को गति देता है।" बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान अपनी उदार और समय पर सहायता के लिए चीन का बहुत आभारी है, क्योंकि पाकिस्तान वैश्विक अर्थव्यवस्था में विपरीत परिस्थितियों से जूझ रहा है।
भारत हमेशा से करता रहा है विरोध
भारत हमेशा से इस कॉरिडोर का विरोध करता रहा है, क्योंकि यह पीओके से होकर गुजरता है। इससे चीन को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह के माध्यम से अरब सागर तक पहुंच मिलती है।