Pakistan: पाक सेना चुनाव ड्यूटी के लिए नहीं होगी उपलब्ध, रक्षा मंत्रालय ने चुनाव आयोग को दिया जवाब
पंजाब प्रांत में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेना की मदद मांगी गई थी लेकिन आतंकी हमलों और खतरों के साथ मौजूदा सुरक्षा स्थिति को देखते हुए सेना ने मदद से इनकार कर दिया है।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 15 Mar 2023 02:59 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पंजाब प्रांत में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सेना की मदद मांगी गई थी। इस पर पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) को सेना की तरफ से साफ कह दिया गया है कि चुनावों के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सैनिक उपलब्ध नहीं होंगे।
यह जानकारी 30 अप्रैल को पंजाब विधानसभा के चुनाव कराने की योजना बनाने के लिए पंजाब के शीर्ष अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय के संघीय सरकार के अधिकारियों के साथ बैक-टू-बैक बैठक करने के बाद सामने आई है। ऐसे में सेना की प्रतिक्रिया ने देश के सबसे बड़े प्रांत के चुनावों पर गंभीर सवाल और चिंताएं पैदा कर दी हैं।
सेना ने इन कारणों से किया सुरक्षा देने से इनकार
सूत्रों के अनुसार, सशस्त्र बलों ने कहा कि देश में बढ़ते आतंकी हमलों और खतरों के साथ मौजूदा सुरक्षा स्थिति, कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए गंभीर खतरा उनकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।ईसीपी के एक अधिकारी ने कहा, "रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हामूदुज जमां खान ने कानून व्यवस्था की स्थिति, सीमा की स्थिति और देश के अंदर सैनिकों की तैनाती पर चुनाव आयुक्त को जानकारी दी है।" लिहाजा, अब ईसीपी चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद मांग रही है।
पंजाब सरकार ने भी सुरक्षा मुहैया कराने से किया इनकार
रक्षा सचिव ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी थी। सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि सशस्त्र बलों ने कहा है कि बढ़ते आतंकी खतरे, सीमा सुरक्षा की स्थिति और देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति का प्रभाव सेना पर भी पड़ा है। यही वजह है कि इस बार चुनाव ड्यूटी के लिए सैनिक उपलब्ध नहीं थे। पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने भी चुनाव में सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया है।पंजाब के आईजी ने बताई सुरक्षा न दे पाने की यह वजह
पुलिस पंजाब के आईजी ने कहा कि पुलिसकर्मी जनगणना में लगे लोगों को भी सुरक्षा दे रहे हैं। रमजान का पवित्र महीना आने के साथ मस्जिदों, बाजारों और आतंकी हमलों के अन्य संभावित ठिकानों पर भी पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की जाएगी। इन परिस्थितियों को देखते हुए सभी राजनीतिक आयोजनों के लिए सुरक्षा प्रदान करना बहुत मुश्किल होगा।