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क्‍या पाकिस्‍तान का परमाणु शस्‍त्रागार है खतरनाक हाथों में? पड़ोसी देश की सेना ने दिया जवाब

पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर बाइडन की टिप्पणी को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक के रूप में खारिज कर दिया था। बयान के बाद पाक विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिका के प्रभारी राजदूत को तलब किया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Tue, 18 Oct 2022 05:30 PM (IST)
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रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय में जनरल कमर जावेद बाजवा

 इस्लामाबाद, एजेंसी। पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक करार दिया था। इस बारे में जवाब देते हुए पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने देश की 'मजबूत' परमाणु कमान पर पूरा भरोसा जताया है और कहा कि देश की सामरिक संपत्तियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं।

डेमोक्रेटिक सांसदों से बात करते हुए कही यह बात

पिछले शुक्रवार को लास एंजिलिस में राष्ट्रपति बाइडन ने चीन, रूस और पाकिस्तान से जुड़ी तीन समस्याओं को अमेरिका की विदेश नीति के समक्ष तीन चुनौतियों के तौर पर पेश किया था। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है, जिसके पास परमाणु हथियार हैं और वहां कोई सामंजस्य नहीं है। अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी वैश्विक स्तर पर बदलती भू-राजनीतिक स्थिति के संदर्भ में की गई थी।

राव‍लपिंडी में आयोजित किया गया 252वें कोर कमांडर्स का सम्मेलन

पाकस्‍तानी सेना के मीडिया विंग ने 252वें कोर कमांडर्स सम्मेलन के बाद एक बयान में कहा कि फोरम ने पाकिस्तान की मजबूत परमाणु कमान, नियंत्रण संरचना और देश की रणनीतिक संपत्ति से संबंधित सुरक्षा व्यवस्था में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। यह सम्मेलन रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय में आयोजित किया गया था, जिसकी अध्यक्षता जनरल कमर जावेद बाजवा ने की थी।

सेना ने मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

बयान में कहा गया है कि एक जिम्मेदार परमाणु हथियार संपन्न देश होने के नाते पाकिस्तान ने अपनी परमाणु सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप सभी जरूरी कदम उठाए हैं। कोर कमांडरों के सम्मेलन के प्रतिभागियों ने मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा स्थिति और सेना की परिचालन तैयारियों की भी समीक्षा की। बैठक में देश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों विशेषकर सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में राहत और पुनर्वास प्रयासों के लिए नागरिक प्रशासन को सेना की सहायता से भी अवगत कराया गया।

बाइडन की टिप्‍पणी को पाकिस्‍तान ने नकारा

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को देश के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर बाइडन की टिप्पणी को 'तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक' के रूप में खारिज कर दिया था। बयान के बाद पाक विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिका के प्रभारी राजदूत को तलब किया था और उनसे सरकार की नाराजगी प्रकट की गई थी। पाकिस्‍तान लगातार अमेरिका के साथ अपने संबंधों को दुरुस्‍त करने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए यह काफी शर्मिंदगी की बात है, क्योंकि अभी पिछले महीने ही उन्होंने विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के साथ अमेरिका की यात्रा की थी।

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पाक प्रधानमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने उन्हें यह कहते हुए उद्धृत किया कि पिछले दशकों में पाकिस्तान एक सबसे जिम्मेदार परमाणु राज्य साबित हुआ है, जहां उसके परमाणु कार्यक्रम को तकनीकी रूप से ध्वनि और फुलप्रूफ कमांड और नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है।

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