तालिबान की वापसी के साथ पाकिस्तानी सेना में बड़ा फेरबदल, LoC की जिम्मेदारी संभालने वाले जनरल को किया प्रमोट
अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत कायम होने के साथ ही पाकिस्तानी सेना में भी सरगर्मी बढ़ गई है। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा यानी एलओसी की जिम्मेदारी संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास को प्रमोट करते हुए उसे अगला चीफ आफ जनरल स्टाफ नियुक्त कर दिया है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 09 Sep 2021 12:18 AM (IST)
इस्लामाबाद, पीटीआइ। अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत कायम होने के साथ ही पाकिस्तानी सेना में भी सरगर्मी बढ़ गई है। पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा यानी एलओसी की जिम्मेदारी संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास को प्रमोट करते हुए उसे अगला 'चीफ आफ जनरल स्टाफ' नियुक्त कर दिया है। सेना में बड़े स्तर पर हुए इस फेरबदल को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि चीफ आफ जनरल स्टाफ का पद सेना प्रमुख के बाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
शमशाद मिर्जा को रावलपिंडी कोर की जिम्मेदारी समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास बलूच रेजिमेंट से हैं। पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई अंतर सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, वह लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा का स्थान लेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को रावलपिंडी स्थित 10 कोर का प्रमुख बनाया गया है। मिर्जा से पहले अब्बास 10 कोर का नेतृत्व कर रहे थे। मालूम हो कि रावलपिंडी कोर ही नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से तैनात रहती है।
सीजीएस का पद सबसे महत्वपूर्ण पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना में सेना प्रमुख के बाद चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (सीजीएस) का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है। चीफ ऑफ जनरल स्टाफ को जनरल हेडक्वार्टर्स में खुफिया, तैनाती और परिचालन संबंधी कामकाज देखना होता है। यही नहीं चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के मातहत ही पाकिस्तानी मिलिट्री ऑपरेशन्स और मिलिट्री इंटेलिजेंस निदेशालय काम करते हैं। गौर करने वाली बात यह भी कि लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद चिराग हैदर को मुल्तान कोर का प्रमुख बनाया गया है।
इसलिए बदलाव पर है बारीक नजर मुल्तान कोर पाकिस्तान की मुख स्ट्राइक कोर में से एक है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वैसे तो सेना में तबादले और पोस्टिंग एक रूटीन मामला है, लेकिन पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मामलों में सेना की दखलंदाजी के चलते दुनिया भर में इस पर बारीक नजर रखी जाती है। खासकर ऐसे वक्त में यह बदलाव बेहद मायने रखता है जब अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो गई है। गौर करें तो पाते हैं कि हाल ही में भारतीय खुफिया एजेंसियों की ओर से आतंकी हमलों और घुसपैठ को लेकर अलर्ट जारी किया गया था।