Pakistan: पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता के बीच सुलह की कोशिश, इमरान खान से बातचीत करने को तैयार बिलावल भुट्टो
बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने दावा किया है कि अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक बातचीत के लिए तैयार हैं तो वह जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से ऐसा करने को तैयार है यह स्थिति ऐसे समय बनी है जब नकदी की कमी से जूझ रहे देश में राजनीतिक अस्थिरता लगातार बनी हुई है।
पीटीआई, इस्लामाबाद। बिलावल भुट्टो जरदारी की अगुवाई वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने कहा है कि वह जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक बातचीत करने के लिए तैयार हों।
नकदी की कमी से जूझ रहे देश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच पार्टी ने कहा है कि 'अगर इमरान खान बातचीत करने के लिए तैयार हैं तो वह भी उनसे बातचीत करने के लिए तैयार हैं। पीपीपी के वरिष्ठ नेता खुर्शीद शाह ने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में पत्रकारों से बात की।
'हम इमरान खान से बातचीत को तैयार'
इस दौरान उन्होंने कहा, "कहा जा रहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक बातचीत के लिए तैयार हैं। अगर इमरान खान बातचीत के लिए तैयार हैं, तो यह एक सकारात्मक बात है।" शाह ने वार्ता की किसी भी संभावना का स्वागत किया।'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार ने शाह के हवाले से कहा, "राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमेशा बातचीत के जरिए समस्याओं को सुलझाने की कोशिश की है और जरूरत पड़ने पर पीपीपी अपनी भूमिका निभाएगी।"
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के खिलाफ पीटीआई के सख्त रुख के बाद खान की पार्टी के साथ जुड़ने की पीपीपी की इच्छा बढ़ी हुई राजनीतिक अस्थिरता के बीच आई है।
आम चुनाव के बाद बढ़ा सियासी तनाव
पीपीपी, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और अन्य सहयोगियों के साथ प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पीएमएल-एन का समर्थन करती है। दोनों पूर्व प्रतिद्वंद्वियों के बीच हाल ही में वाकयुद्ध देखने को मिला। सत्तारूढ़ पीएमएल-एन ने संघीय बजट और विकास निधि के आवंटन पर पीपीपी की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया।
2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए खान को हटाए जाने के बाद से पीटीआई ने पीपीपी-पीएमएल-एन गठबंधन का विरोध किया है। 8 फरवरी को हुए चुनाव के बात सियासी तनाव बढ़ गया। पीएमएल-एन और पीपीपी ने दोनों ने मिलकर केंद्र में गठबंधन की सरकार बनाई थी।विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक हलकों से सुलह की मांग उठ रही है और पीटीआई से सरकार के साथ बातचीत करने की मांग की जा रही है। पीटीआई ने पहले सैन्य प्रतिष्ठान के साथ बातचीत के लिए प्राथमिकता देने के बजाय फॉर्म-47 सरकार के साथ बातचीत को खारिज कर दिया था।
अप्रैल में पीटीआई के शहरयार अफरीदी ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस के महानिदेशक के साथ बातचीत को प्राथमिकता देने का संकेत दिया था। इसके बाद पीटीआई के महासचिव उमर अयूब ने जिक्र किया था कि इमरान खान ने पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी।