Pakistan में सरकारी पदों के साथ 'साहब' शब्द के इस्तेमाल पर रोक, प्रधान न्यायाधीश बोले- यह स्वीकार्य नहीं
प्रधान न्यायाधीश काजी फयाज ईसा पेशावर में एक बच्चे की हत्या के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने एक स्थानीय पुलिस उपाधीक्षक को डीएसपी साहब कहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधान न्यायाधीश ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने उन्हें साहब कहकर सब कुछ खराब कर दिया है।
By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 22 Nov 2023 06:30 AM (IST)
पीटीआई, इस्लाबामाबाद। पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फयाज ईसा ने लोक सेवकों के पदों के नाम के साथ 'साहब' शब्द जोड़ने पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा है कि यह अनावश्यक रूप से उनके रुतबे को बढ़ाता है।
यह शब्द उन्हें लोगों के प्रति जवाबदेह नहीं होने का आभास कराता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दो पन्नों के आदेश में प्रधान न्यायाधीश ने कहा है कि किसी के पद के नाम के साथ 'साहब' शब्द जोड़ना उचित नहीं है। इससे उनमें भव्यता का भ्रम और गैर जिम्मेदारी की धारणा पैदा हो सकती है।
एक बच्चे की हत्या के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे
यह स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह उस जनता के हितों के विरुद्ध है, जिनकी उन्हें सेवा करनी है। यह आदेश तब आया है, जब वह पिछले साल पेशावर में एक बच्चे की हत्या के मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने एक स्थानीय पुलिस उपाधीक्षक को डीएसपी साहब कहा था।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने उन्हें साहब कहकर सब कुछ खराब कर दिया है। वह एक डीएसपी हैं या एक अक्षम डीएसपी हैं, लेकिन साहब नहीं हैं।यह भी पढ़ेंः Israel Hamas War: तो अब जल्द धम जाएगा युद्ध? गाजा में बंधकों की रिहाई पर इजरायल हमास के बीच होगा संघर्ष विराम समझौता