Pakistan: बलूचिस्तान के नागरिकों पर पाकिस्तान की सेना कर रही क्रूरता, गैर-कानूनी रुप से 195 लोगों को मारा गया
बलूचिस्तान के लोगों पर किए जा रहे जुल्म को लेकर बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार संगठन पांक द्वारा एक रिपोर्ट जारी किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में 629 लोगों को जबरन गुमशुदा किया गैर-कानूनी रुप से 195 लोगों को मारा।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 12 Jan 2023 07:51 PM (IST)
इस्लामाबाद (एएनआई)। बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार संगठन पांक द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 बलूचिस्तान के नागरिकों के लिए बेहद भयानक रहा है। पिछला साल बलूचिस्तान में बड़े पैमाने पर सजा, जबरन गुमशुदगी, हत्या, नरसंहार और हिंसा के साथ मानवीय त्रासदी से भरा था।
इस रिपोर्ट के अनुसार पूरे साल सिंध और बलूचिस्तान इलाकों में पाकिस्तानी सेना के आंतकवाद रोधी विभाग और सीमा पर तैनात बलों ने बच्चों और महिलाओं सहित सैकड़ों बलूच लोगों को जबरन गुमशुदा किया, सामूहिक रूप से दंडित किया, फर्जी मुठभेड़ों में मारा और विभिन्न क्षेत्रों में यातनाएं दी हैं। पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में 629 लोगों को जबरन गुमशुदा किया, गैर-कानूनी रुप से 195 लोगों को मारा और 187 लोगों को प्रताड़ित किया।
सरकार और परिवारों के बीच बातचीत निष्फल
इस रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में बलूच राष्ट्र आंदोलन की हिमायती सभी पार्टियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है और केवल पाकिस्तानी सेना की समर्थक पार्टियों को ही राजनीति में भाग लेने की आजादी है। राष्ट्रवादी पार्टियों पर प्रतिबंध के चलते बलूचिस्तान में एक राजनीतिक खालीपन पैदा हो गया है, जिसे पाकिस्तानी सेना अपने समर्थक पार्टियों से भरना चाहती है। बलूच परिवार कई सालों से अपनों की बरामदगी के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और परिवारों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन पाकिस्तान की शक्तिहीन सरकार अपने वादों को पूरा करने और कानून लागू करने में विफल रही है।सरकारों के बजाय सेना के पास ताकत
यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी सीधी बात करने से बचते है और सेना की तरफ इशारा करते हुए जबरन गायब करने के बारे में शक्तिशाली हलकों से बात करने की बात कहते है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की तथाकथित लोकतांत्रिक सरकारों के पास सत्ता नहीं है, बल्कि सत्ता का केंद्र पाकिस्तानी सेना है।इस वजह से सरकार और परिवारों के बीच बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकल रहा है और बलूचिस्तान में मानवीय संकट गहराता जा रहा है। इस बीच, बलूचिस्तान सरकार लापता व्यक्तियों का पता लगाने के लिए एक नया आयोग बनाने जा रही है। यदि इस आयोग का गठन किया जाता है, तो यह बलूचिस्तान में लापता लोगों को खोजने के लिए तीसरी सरकारी संस्था होगी। कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जांच आयोग और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित आयोग पहले से ही इस मामले को देख रहे हैं।
बता दें कि इस बारे में लोगों का कहना है कि सरकार को विभिन्न आयोगों और समितियों के गठन करने के बजाय जबरन गुमशुदगी के लिए जिम्मेदार सरकारी लोगों को दंडित करने के प्रयास करने चाहिए।यह भी पढ़ें: PAK Crisis: कंगाल पाकिस्तान की मदद को UAE तैयार, कर्ज की बढ़ाई मियाद; हाथ पसारने पर अतिरिक्त लोन भी मिला