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पाकिस्तान में ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री पोस्ट करने वाला संदिग्ध गिरफ्तार, कई चर्चों में हुई थी तोड़फोड़

पाकिस्तान में कथित तौर पर ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करने वाले संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। ईशनिंदा के विरोध में जरांवाला में कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई और घरों में आग लगा दी गई थी। पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी मामले में शामिल 170 में से 160 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 21 Aug 2023 02:27 AM (IST)
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पाकिस्तान में ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री पोस्ट करने वाला संदिग्ध गिरफ्तार (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान में कथित तौर पर ईशनिंदा से जुड़ी सामग्री इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करने वाले संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया है। ईशनिंदा के विरोध में जरांवाला में कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई और घरों में आग लगा दी गई थी।

पुलिस ने संदिग्ध को किया गिरफ्तार

एआरवाई न्यूज के अनुसार, पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ आतंकवाद अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। बता दें कि बुधवार को पाकिस्तान के फैसलाबाद के जरनवाला जिले में ईशनिंदा के आरोप में कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई। इसके अलावा, ईसाई समुदाय के सदस्यों के निवासियों पर भी हमला किया गया था।

आगजनी मामले में 160 आरोपी हुए गिरफ्तार

पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी मामले में शामिल 170 में से 160 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस प्रमुख ने कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी शख्स को नहीं माफ नहीं किया जाएगा।

जरांवाला में भारी पुलिस बल तैनात

पंजाब पुलिस महानिरीक्षक उस्मान अनवर ने बताया कि वर्तमान में जरांवाला में 6500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और क्षतिग्रस्त मकानों के सही होने तक महिला सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शहर में ड्यूटी करेंगी। ये महिला अधिकारी ईसाई समुदाय से जुड़ी महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा मुहैया करा रही है। उस्मान ने कहा कि उच्च पुलिस अधिकारी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने स्वयं क्षेत्र का दौरा किया और क्षतिग्रस्त चर्चों का जीर्णोद्धार कार्य जल्द शुरू होगा।

चर्चों को बनाया था निशाना

बीते बुधवार पाकिस्तान के फैसलाबाद के जरांवाला जिले में ईशनिंदा के आरोप में कई चर्चों में तोड़फोड़ की गई। ईसाई समुदाय के लोगों पर भी हमले किए गए। हिंसा पर काबू पाने के लिए पंजाब सरकार को सेना को बुलाना पड़ा और तीन हजार पुलिसकर्मियों को तैनात करना पड़ा था।