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पाकिस्तान लौटते ही बढ़ी पूर्व PM नवाज शरीफ की मुश्किलें, जवाबदेही अदालत ने जब्त की गई संपत्ति लौटाने का दिया आदेश

पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ की जब्त की गई संपत्ति लौटाने का आदेश दिया है। लंदन के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने शुक्रवार को 73 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ( पीएमएल-एन) सुप्रीमो के खिलाफ तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई की। नवाज शरीफ लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटे थे।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 11 Nov 2023 04:12 PM (IST)
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पाकिस्तान लौटते ही बढ़ी पूर्व PM नवाज शरीफ की मुश्किलें (Image: ANI)

पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान की एक जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में 2020 में नवाज शरीफ से जब्त की गई सभी चल और अचल संपत्तियों को जारी करने का आदेश दिया है।

लंदन के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि 'इस्लामाबाद जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश मुहम्मद बशीर ने शुक्रवार को 73 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) सुप्रीमो के खिलाफ तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई की। बता दें कि नवाज शरीफ लगभग चार साल के आत्म-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटे थे।

नवाज शरीफ की जब्त होगी संपत्ति

2020 में, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद एक जवाबदेही अदालत ने तोशाखाना वाहन संदर्भ में पूर्व प्रधानमंत्री के स्वामित्व वाली संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया।

जवाबदेही न्यायाधीश बशीर को सूचित किया गया कि चूंकि शरीफ ने आत्मसमर्पण कर दिया है और उनकी गिरफ्तारी का वारंट रद्द कर दिया गया था, उनकी संपत्तियों की कुर्की का आदेश वापस लिया जा सकता है। शरीफ के वकील मिस्बाहुल हसन काजी ने न्यायाधीश को सूचित किया कि उनका मुवक्किल उच्च न्यायालय की अनुमति से अपने इलाज के लिए विदेश गए थे।

तोशाखाना मामले में लगा आरोप 

शरीफ के खिलाफ तोशाखाना मामले की फाइल में उन पर कार की कीमत का 15 प्रतिशत भुगतान करके तोशाखाना से एक वाहन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्टों के मुताबिक, शरीफ 2008 में किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं थे, लेकिन उन्हें बिना किसी कारण के एक वाहन दिया गया था।

बता दें कि तोशाखाना मामले में अपराधी घोषित होने के बाद 2020 में तीन बार के प्रधानमंत्री द्वारा 1,650 नहरों (200 एकड़ से अधिक) से अधिक कृषि भूमि, एक मर्सिडीज बेंज कार, एक लैंड क्रूजर और अन्य वाहनों को जब्त कर लिया गया था।

गिरफ्तारी वारंट किया निलंबित

तोशाखाना मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा जवाबदेही अदालत को एक रिपोर्ट सौंपने के बाद अदालत ने जब्ती का आदेश दिया था, जिसमें शरीफ की चल और अचल संपत्ति का पूरा विवरण दिया गया था।

गौरतलब है कि एवेनफील्ड अपार्टमेंट और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद मेडिकल जमानत मिलने के बाद शरीफ 2019 में लंदन चले गए थे। शरीफ की कानूनी टीम ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसने उन्हें एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में 24 अक्टूबर तक सुरक्षात्मक जमानत दे दी। हालांकि, भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने तोशाखाना मामले में उनका गिरफ्तारी वारंट निलंबित कर दिया।

20 नवंबर तक सुनवाई स्थगित

सुनवाई के दौरान एनएबी अभियोजक ने दलील दी कि शरीफ ने आत्मसमर्पण कर दिया है, इसलिए उनका गिरफ्तारी वारंट रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ''अगर वारंट रद्द कर दिया जाए तो मुकदमा आगे बढ़ सकता है।

बाद में न्यायाधीश ने 10 लाख रुपये के मुचलके पर मामले में शरीफ की जमानत की पुष्टि की। मामले की सुनवाई 20 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री 8 फरवरी को होने वाले आम चुनावों के दौरान पीएमएल-एन का नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इस महीने की शुरुआत में, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को राष्ट्रीय चुनावों के लिए अपनी तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया था।

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