Pakistan Floods: अभूतपूर्व बाढ़ से तबाह पाकिस्तान क्या भारत से लेगा मदद? देश में मच्छरदानियों के लिए भी मोहताज हुए लोग
पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद आई अभूतपूर्व बाढ़ ने आम जन-जीवन को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। आशंका है कि बाढ़ के चलते 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
By Amit SinghEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 11:30 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसियां: पाकिस्तान में भारी बारिश के बाद आई अभूतपूर्व बाढ़ ने आम जन-जीवन को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। आशंका है कि बाढ़ के चलते 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और तीन करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान में बाढ़ के कारण हुई तबाही के बाद अब पानी तो कम होना शुरू हो गया है, लेकिन बीमारियों का खतरा बढ़ने लगा है।
पाकिस्तान में बड़ी तादाद में मलेरिया के केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं। बीते दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पाकिस्तान में बाढ़ के पैदा होने वाली गंभीर बीमारियों को लेकर चिंता जाहिर की थी। WHO ने कहा है कि पाकिस्तान के डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी पानी के भराव से पैदा होने वाली बीमारियों से लड़ने के लिए भारी संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कुल लोगों ने पाकिस्तान की सरकार को सुझाव दिए हैं कि उन्हें तेजी से बढ़ती बीमारियों से निपटने के लिए भारत की मदद लेनी चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार गुलाम अब्बास शाह ने दावा किया है कि पाक स्वास्थ्य मंत्रालय ने मलेरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए भारत से 71 लाख मच्छरदानियां आयात करने की अनुमति मांगी है। पाकिस्तान में गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण मच्छरदानी की अत्यधिक मांग हो गई है। उन्होंने दावा किया कि बाढ़ प्रभावित सिंध और बलूचिस्तान में पिछले दो महीनों में दो लाख से ज्यादा लोग मलेरिया से संक्रमित हुए हैं, जिनमें 22 फीसदी मामले प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम प्रकार के हैं।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्किन इंफेक्शन, दस्त और मलेरिया बड़े पैमाने पर हैं, जिससे अब तक 324 लोग मारे जा चुके हैं। इस बीच देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने एक बयान में कहा है कि देश इस वक्त एक कठिन दौर से गुजर रहा है। बाढ़ से विस्थापित हुए सैकड़ों-हजारों लोग खुले में रहने के लिए मजबूर हैं। पाकिस्तान में सैकड़ों किलोमीटर तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है, जिसे कम होने में दो से छह महीनों तक का वक्त लग सकता है। रुके हुए पानी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने का गंभीर खतरा है।