Move to Jagran APP

Pakistan Crisis: पाकिस्तान में रोटी के पड़े लाले, सुरक्षा बल की तैनाती में आटे का वितरण; भगदड़ में एक की मौत

आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के लोगों के सामने रोटी के लाले पड़ गए हैं। आसमान छू रही आटे की कीमत के कारण खैबर पख्तूनख्वा सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में सरकारी रियायती आटा लेने के लिए कई स्थानों पर भगदड़ मचने की सूचना मिली है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 10 Jan 2023 06:55 PM (IST)
Hero Image
पाकिस्तान में रोटी के पड़े लाले, सुरक्षा बल की तैनाती में आटे का वितरण।
इस्लामाबाद, एएनआइ। आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के लोगों के सामने रोटी के लाले पड़ गए हैं। आसमान छू रही आटे की कीमत के कारण खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में सरकारी रियायती आटा लेने के लिए कई स्थानों पर भगदड़ मचने की सूचना मिली है। भगदड़ में सिंध प्रांत के मीरपुर खास में एक व्यक्ति की मौत हो गई।

पाकिस्तान में गेहूं का भंडार खत्म

बलूचिस्तान प्रांत के खाद्य मंत्री जमारक अचकजाई ने बताया कि प्रांत में गेहूं का भंडार खत्म हो गया है और 4,00,000 बोरे की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने देशव्यापी संकट गहराने की चेतावनी दी है।दी एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचारपत्र के अनुसार, हर दिन हजारों की संख्या में लोग घंटों रियायती आटे के लिए खड़े रहते हैं। बाजार में आटे की आपूर्ति बेहद कम है।

सुरक्षा बल की तैनाती में आटे का वितरण

बता दें कि सशस्त्र सुरक्षा गार्ड की निगरानी में मिनी ट्रक और वैन से आटे का वितरण किया जाता है और उस दौरान अफरा-तफरी मची रहती है। लोग एक दूसरे को धक्का देते हैं, जिससे अवांछित घटनाएं घटती हैं। आटा डीलरों एवं व्यापारियों के बीच कई बार टकराव हो चुका है।

पाकिस्तान में 160 रुपए किलो आटा

कराची में आटा 140 से 160 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो बेचा जा रहा है। इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो के बैग की कीमत 1,500 रुपये है, जबकि 20 किलो के बैग 2,800 रुपये में बेचे जा रहे हैं। पंजाब में मिल मालिकों ने दाम 160 रुपये प्रति किलो कर दिया है। खैबर पख्तूनख्वा में 20 किलो आटे की कीमत 3,100 रुपये है।

टेक्सटाइल उद्योग ने 70 लाख लोगों को नौकरी से निकाला

पाकिस्तान में टेक्सटाइल और संबंधित उद्योगों ने करीब 70 लाख लोगों को काम से हटा दिया है। टेक्सटाइल एसोसिएशन ने दावा किया है कि घट गए निर्यात और आर्थिक संकट दूर करने में सरकारी विफलता के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि वर्तमान सरकार के पास उद्योग को प्रभावित करने वाले संकटों को दूर करने की कोई नीति नहीं है।

ये भी पढ़ें: नई सौ बीमारियों में 70 फीसद जानवरों से आ रही, पेट्स से भी हो रही जूनोटिक बीमारियां

ये भी पढ़ें: Fact Check : राहुल गांधी की तस्‍वीर के साथ छेड़छाड़ करके जोड़ा गया चिकन और शराब