Pakistan Election Results: खंडित जनादेश में इमरान को सबसे ज्यादा सीटें, अब जोड़-तोड़ का खेल शुरू; नवाज बना रहे ये रणनीति
Pakistan Election Results पाकिस्तान के चुनावी नतीजों में त्रिशंकु संसद होने के बाद राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं।पड़ोसी मुल्क में आम चुनाव गुरुवार को हुए थे लेकिन नतीजों की घोषणा में असामान्य देरी के कारण माहौल खराब हो गया। कई पार्टियों ने तो हंगामा कर दिया और कुछ ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
एजेंसी, इस्लामाबाद। Pakistan Election Results पाकिस्तान को त्रिशंकु संसद का सामना करना पड़ा है। इस बीच राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए, जब यह स्पष्ट हो गया कि आम चुनाव के बाद देश में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है।
पाकिस्तान में आम चुनाव गुरुवार को हुए थे, लेकिन नतीजों की घोषणा में असामान्य देरी के कारण माहौल खराब हो गया। कई पार्टियों ने तो हंगामा कर दिया और कुछ ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
नवाज शरीफ को सेना प्रमुख का मिला साथ
इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो नवाज शरीफ को पाकिस्तान सेना प्रमुख का समर्थन मिला है। असीम मुनीर ने कहा पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए गठबंधन सरकार जरूरी है।
इमरान खान को बड़ी बढ़त
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने चुनाव में लड़ी गई 265 सीटों में से 264 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए हैं। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा समर्थित अधिकांश निर्दलीय उम्मीदवारों को नेशनल असेंबली में 101 सीटें मिली।
वहीं, नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 75 सीटें मिली है। बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीटें मिलीं और विभाजन के दौरान भारत से आए उर्दू भाषी लोगों की कराची स्थित मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीटें मिलीं। बाकी 12 सीटों पर अन्य छोटी पार्टियों ने जीत हासिल की।
बता दें कि सरकार बनाने के लिए, एक पार्टी को नेशनल असेंबली में लड़ी गई 265 सीटों में से 133 सीटें जीतनी होती हैं।
नवाज इस रणनीति पर कर रहे काम
दूसरी ओर, नवाज शरीफ ने सरकार बनाने के लिए रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। नवाज ने अपने छोटे भाई पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को इस मुद्दे पर बातचीत करने का काम सौंपा है। शहबाज पहले ही पीपीपी के वरिष्ठ नेताओं से मिल चुके हैं।
वहीं, एमक्यूएम-पी का एक प्रतिनिधिमंडल लाहौर में है और उसने शहबाज के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि बिलावट की पार्टी पीपीपी गठबंधन पर कई शर्तें रख रही है, जिससे अभी बात बनती नहीं दिख रही।