'वो खून सूंघ सकती है..', इमरान खान की पत्नी बुशरा पर बरसी शहबाज सरकार ने कहा, 'हम समझौता नहीं करेंगे'
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता और समर्थक इमरान खान की रिहाई की मांग के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुशरा बीबी और केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हो रहा है। इस बीच रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा बातचीत अनिश्चितता के साथ खत्म हुई है क्योंकि बुशरा बीबी खून की गंध महसूस कर सकती हैं।
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ता और समर्थक इमरान खान की रिहाई की मांग के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बुशरा बीबी और केपी के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में यह प्रदर्शन हो रहा है, और बुशरा ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक इमरान खान को रिहा नहीं किया जाता।
डॉन के मुताबिक, सोमवार को सूत्रों ने दावा किया, कि पीटीआई और सरकार के नेताओं ने बातचीत की थी, जिसमें एक ऐसा स्थान तय करने के लिए बातचीत की गई, जहां पीटीआई समर्थकों को शांति के साथ इस्लामाबाद में प्रदर्शन करने की अनुमति दी जा सके।
'अपने फायदे के लिए लोगों पर बनाएंगी दबाव'
वहीं सरकार और पाकिस्तान की पार्टी के बीच रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, बातचीत अनिश्चितता के साथ खत्म हुई है, क्योंकि बुशरा बीबी खून की गंध महसूस कर सकती हैं और समझौता करने के मूड में नहीं है। जियो न्यूज के मुताबिक, पीएमएल-एन नेता ने कहा, "वह (बुशरा) जानती हैं कि वह डी-चौक के करीब हैं और एक नेता बन गई हैं। वह अपने फायदे के लिए लोगों पर दबाव बनाएंगी।साथ ही ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि सरकार के पास इस्लामाबाद में एंटर करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ "बल प्रयोग करने" के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने इमरान की पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ''वे (पीटीआई) मानते हैं कि उन्हें फायदा है और वे (इस्लामाबाद) आगे बढ़ना जारी रखेंगे।"आसिफ ने ये भी कहा कि किसी भी कीमत पर इस्लामाबाद की रक्षा करने का सरकार का "स्पष्ट" संकल्प और विशेष रूप से तब जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति, बेलारूस के राष्ट्रपति, देश का दौरा कर रहे हों।
देश के लिए बड़ा झटका-ख्वाजा आसिफ
ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा, इमरान जानते हैं कि उनकी पत्नी स्थिति को नियंत्रित कर रही हैं," उन्होंने दोहराया कि सरकार को अपना संकल्प प्रदर्शित करना चाहिए क्योंकि स्थिति बिगड़ रही है और अगर वे डी-चौक पहुंचते हैं और धरना देते हैं तो "यह देश के लिए एक बड़ा झटका होगा।''इससे पहले, सूत्रों ने जियो न्यूज को बताया कि सरकार और पूर्व सत्तारूढ़ दल के बीच पहले दौर की बातचीत बेनतीजा समाप्त हो गई।
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