Pervez Musharraf: दिल्ली में जन्मे मुशर्रफ ने की थी भारत पर हमले की प्लानिंग, 1999 में किया तख्तापलट
Pervez Musharraf Dies पाकिस्तान के तानाशाह रहे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन हो गया है। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने दुबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था। (फाइल फोटो)
By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Sun, 05 Feb 2023 01:34 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ (79) का निधन हो गया है। मुशर्रफ पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। उन्होंने रविवार सुबह दुबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। 1999 में तख्तापलट कर मुशर्रफ ने करीब एक दशक तक पाकिस्तान की सत्ता संभाली। करगिल युद्ध के पीछे मुशर्रफ का हाथ ही माना जाता है। मुशर्रफ के कार्यकाल के दौरान भारत-पाक के रिश्तों में ज्यादा प्रगति नहीं हुई।
दिल्ली में हुआ जन्म
मुशर्रफ का जन्म 11 अगस्त, 1943 को दिल्ली में हुआ था। मुशर्रफ जब चार साल के थे, तब उनके माता-पिता विभाजन के दौरान पाकिस्तान चले गए। परवेज मुशर्रफ के पिता ने विदेश मंत्रालय में नौकरी की, जबकि उनकी मां एक टीचर थीं। 18 साल की उम्र में वो सेना में शामिल हो गए थे। 1965 में भारत के खिलाफ युद्ध में लड़ाई के लिए उन्हें वीरता पुरस्कार दिया गया। 1998 में उन्हें सैन्य प्रमुख बनाया गया।
1999 में किया तख्तापलट
मुशर्रफ ने 1999 में पाकिस्तान में सैन्य तख्तापलट किया और तानाशाह बन गए। तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने पद से हटना पड़ा। नवाज शरीफ को अपने परिवार समेत पाकिस्तान भी छोड़ना पड़ा था। परवेज मुशर्रफ ने 20 जून 2001 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद की कमान संभाली। इस पद पर वह 2008 तक रहे।
महाभियोग के बाद दिया राष्ट्रपति पद से इस्तीफा
पाकिस्तान में 2008 में गठबंधन की सरकार मुशर्रफ के खिलाफ महाभियोग लेकर आई, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति का पद छोड़ना पड़ा। मुशर्रफ पाकिस्तान छोड़कर ब्रिटेन चले गए।गिरफ्तारी का आदेश
साल 2012 में पाकिस्तान की संसद ने मुशर्रफ के लौटने पर उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया। अगले साल वो पाकिस्तान लौटे। देशद्रोह मामले में मुशर्रफ को सुप्रीम कोर्ट द्वारा समन जारी किया गया। इस बीच, मुशर्रफ की तबीयत खराब हो गई और वो इलाज के लिए विदेश चले गए। अदालत ने उन्हें फरार घोषित कर दिया। कोर्ट की तरफ से उन्हें पेश होने का आदेश दिया गया, लेकिन वह वापस नहीं आए। 2019 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई, तब तक वह दुबई में रहने लगे थे।
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