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नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान की चीन ने भरी झोली, 60 करोड़ डॉलर का दिया अतिरिक्त कर्ज

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को आईएमएफ सौदे के तहत देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद के लिए अपने सदाबहार सहयोगी चीन से 60 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त ऋण मिला है। पीएम शरीफ ने कहा चीन के एक्जिम बैंक ने रोलओवर प्रदान किया है जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 60 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Tue, 18 Jul 2023 04:24 PM (IST)
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एक बार फिर चीन ने आर्थित तंगी से जूझ पाकिस्तान की झोली भरने का जिम्मा उठाया है।

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान की हालत खस्ता हो चुकी है। देश में महंगाई से कोहराम मचा हुआ है। ऐसे में एक बार फिर चीन ने आर्थित तंगी से जूझ पाकिस्तान की झोली भरने का जिम्मा उठाया है। नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को चीन ने 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त कर्ज दिया है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 18 जून (मंगलवार) को इस बात की जानकारी दी।

क्या कहा पीएम शहबाज शरीफ ने ?

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान को आईएमएफ सौदे के तहत देश के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद के लिए अपने सदाबहार सहयोगी चीन से 60 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त ऋण मिला है। पीएम शरीफ ने कहा, ''चीन के एक्जिम बैंक ने रोलओवर प्रदान किया है, जिससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 60 करोड़ डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।

कर्ज में डूबे देश को चीन ने एक बार फिर संभाला

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, यह पिछले तीन महीनों में बीजिंग द्वारा पाकिस्तान को दिए गए 5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के कर्ज से अतिरिक्त है, जिससे कर्ज में डूबे देश को डिफ़ॉल्ट से बचने में मदद मिली है, क्योंकि आईएमएफ बेलआउट को सुरक्षित करने के लिए बातचीत लंबी चल रही है।

आपको बता दें कि पाकिस्तान को 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अंतिम राहत मिली थी, जिसने बाद में लगभग 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की प्रारंभिक अग्रिम किस्त वितरित कर दी है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मिली मदद

पीएम शहबाज शरीफ ने एक कार्यक्रम में कहा, "हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ रहा है, लेकिन हम इसे ऋण के माध्यम से नहीं रखना चाहते। बल्कि, इससे अपनी आय उत्पन्न करके करना चाहते हैं।" वहीं, वित्त मंत्री इशाक डार के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ बेलआउट और चीनी ऋण के अलावा, आईएमएफ समझौते के बाद सऊदी अरब से 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर और यूएई से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद की है।