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Pakistan: फवाद चौधरी ने कहा- इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में शामिल थे पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा के साथ ही कुछ प्रमुख जनरलों ने पिछले वर्ष इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 09 Jan 2023 06:53 AM (IST)
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इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में शामिल थे पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा- फवाद चौधरी

इस्लामाबाद, पीटीआई। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा के साथ ही कुछ प्रमुख जनरलों ने पिछले वर्ष इमरान खान को सत्ता से बाहर करने में सक्रिय भूमिका निभाई थी। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान को अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव में पराजित होने के बाद पद छोड़ना पड़ा था। इमरान ने आरोप लगाया था कि यह अमेरिकी साजिश का हिस्सा है। रूस, चीन और अफगानिस्तान पर उनकी स्वतंत्रत विदेश नीति के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। हालांकि तब अमेरिका ने इस आरोप को खारिज किया था।

हमारा सत्ता से बाहर होना एक साजिश थी- चौधरी

शुक्रवार को बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में जब होस्ट स्टीफन जान सैकर्स ने चौधरी से पूछा कि क्या सैन्य प्रतिष्ठान ने पीटीआइ को सत्ता में आने में मदद की थी। इस पर उन्होंने असहमति जताई। एक्सप्रेस ट्रिब्यून समाचार पत्र के अनुसार चौधरी ने कहा कि पीटीआइ को सत्ता में आने में 22 वर्ष लगे और मैं नहीं समझता कि इतने लंबे समय तक कोई सेना या कोई संस्थान आपका समर्थन कर सकता है। हम सत्ता में आए, लेकिन हां, हमारा सत्ता से बाहर होना एक साजिश थी, जिसमें सेना के कुछ जनरल संलिप्त थे। सैन्य प्रतिष्ठान ने वास्तव में इमरान को सत्ता से बाहर करने में सक्रिय भूमिका निभाई।

उनकी तटस्थता की हुई थी बात

इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के इस बयान की ओर चौधरी का ध्यान दिलाया गया कि खान ने सेना को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान असंवैधानिक भूमिका निभाने के लिए कहा था, तो उन्होंने कहा कि पार्टी की राय बिल्कुल अलग थ, जिसपर उन्होंने कहा कि हमने कभी ऐसा नहीं कहा। हमने सिर्फ इतना कहा कि एक स्थिर सरकार को इस तरह नहीं जाने दिया जाए। पिछले सेना प्रमुख सच नहीं बोल रहे थे, जब उन्होंने कहा कि हमने उनसे मदद मांगी थी। हमने सेना में उनकी तटस्थता की बात कही थी।

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