'POJK के नागरिक पाकिस्तानी नहीं', आखिरकार आ ही गई पाक की जुबान पर सच्चाई; गृहमंत्री ने दिया सनसनीखेज बयान
Pakistan पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) को लेकर पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया के सामने आ गई है जहां पाक के गृह मंत्री ने खुद स्वीकार किया कि पीओजेके के लोग पाकिस्तानी नागरिक नहीं हैं। अपने ही इस सनसनीखेज बयान पर गृह मंत्री नकवी इंटरनेट मीडिया पर भी खूब ट्रोल हुए। पढ़ें उन्होंने क्या कहा और लोगों ने क्या दिया रिएक्शन।
जेएनएन, नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) को लेकर पाक के दिल की बात सोमवार को आखिर उसकी जुबान पर आ ही गई। पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि पीओजेके के लोग दहशतगर्द हैं। वह पाकिस्तानी नागरिक ही नहीं हैं।
दुनिया के सामने पाकिस्तान कश्मीर को लेकर पिछले करीब सात दशकों से घडि़याली आंसू बहाता रहा है, लेकिन पीओजेके को लेकर आखिर गृह मंत्री ने सच उगल ही दिया। अपने ही इस सनसनीखेज बयान पर नकवी इंटरनेट मीडिया पर भी खूब ट्रोल हुए।
पाक सरकार ने खुदवाई सड़कें
लोगों ने लिखा- 'आखिर पीओके को लेकर सच्चाई दुनिया के सामने आ ही गई। वैसे भी पीओजेके भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाक ने इस क्षेत्र पर जबरन कब्जा कर रखा है।' पत्रकार इमरान रियाज ने पाकिस्तान के गृह मंत्री के बयान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नकवी ने इमरान खान के समर्थन में पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर से इस्लामाबाद आने वाले उनके समर्थकों को रोकने के लिए न केवल सड़कें खुदवा दीं हैं, बल्कि वहां के लोगों को दहशतगर्द भी बताया है।बता दें कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के हजारों कार्यकर्ता सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के बीच विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी इस्लामाबाद की ओर बढ़ रहे हैं। पीटीआइ ने गुलामी की जंजीरें तोड़ने के लिए लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान किया है।
लोगों ने पहले भी किया है विरोध
वैसे देखा जाए तो यह पहली बार नहीं है, जब पीओके के लोग पाक सरकार के विरोध में सड़क पर उतरे हैं। पिछले साल अक्टूबर में भी गुलाम कश्मीर के लोग पाकिस्तान से आजादी के लिए सड़कों पर आ गए थे। असल में वहां के लोग पाकिस्तान सरकार की नीतियों से खुश नहीं है। जानकारों का कहना है कि वहां की जनता पाकिस्तान सरकार के दोहरे रवैये, सेना की बर्बरता से बेहद तंग आ चुकी है और मुक्ति चाहती है। पीओजेके के लोग भारत में शामिल होने की मांग कर करते रहे हैं और पिछले कुछ वर्षों में यह मांग और बलवती हुई है।केंद्र सरकार ने दिया था पीओजेके नाम
गौरतलब है कि मार्च 2016 में केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार ने पहली बार किसी आधिकारिक दस्तावेज में पीओके को पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के रूप में संदर्भित किया था। यह बदलाव इसलिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह एकीकृत कश्मीर पर भाजपा के वादे के अनुरूप था। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में भी इसका जिक्र किया था।
यह संदर्भ गृह मंत्रालय (एमएचए) की 2014-15 की वार्षिक रिपोर्ट में था, जिसे संसद में पेश किया गया था। उप-शीर्षक 'जम्मू और कश्मीर और पीओजेके के बीच क्रास एलओसी व्यापार' के तहत जारी उस रिपोर्ट में कहा गया था कि 2015 दिसंबर तक 45,486 ट्रक पीओजेके में गए हैं और 28,891 ट्रक दो मार्गों - श्रीनगर-मुजफ्फराबाद और पुंछ-रावलकोट मार्गों के माध्यम से भारत की ओर आए हैं।