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Pakistan Politics: इस्लामाबाद हाई कोर्ट में पेश हुए इमरान खान, गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर की याचिका

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए। जियो न्यूज ने बताया कि इमरान खान उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत लेने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 27 Mar 2023 03:02 PM (IST)
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Pakistan Politics: इमरान खान ने खटखटाया इस्लामाबाद HC का दरवाजा (फाइल फोटो)
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए। जियो न्यूज ने बताया कि इमरान खान उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत लेने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश हुए।

इमरान खान ने अग्रिम जमानत के लिए दायर की याचिका

बता दें कि इमरान खान के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इसी के चलते इमरान खान के वकीलों ने संघीय राजधानी में विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज मामलों में अग्रिम जमानत के लिए IHC में याचिका दायर की है। जियो न्यूज ने बताया कि याचिका में अदालत से पाकिस्तान सरकार को उन मामलों में पीटीआई प्रमुख को गिरफ्तार करने से रोकने के लिए कहा गया है, जिसमें दावा किया गया है कि मामले राजनीतिक बदले के लिए दायर किए गए थे।

लाइव और रिकॉर्ड कवरेज पर लगाई रोक

इस बीच जियो न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) ने सोमवार को टेलीविजन चैनलों को संघीय राजधानी में आयोजित होने वाली किसी भी पार्टी, संगठन और व्यक्ति द्वारा रैलियों या सार्वजनिक सभाओं के लाइव और रिकॉर्ड किए गए कवरेज पर रोक लगा दी है। नियामक प्राधिकरण के अनुसार, पीईएमआरए अध्यादेश 2002 की धारा 27 (ए) के तहत संघीय राजधानी में आज होने वाले किसी भी जुलूस या रैली पर प्रतिबंध शामिल है।

इमरान खान की कवरेज पर भी लगाई रोक

पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण ने इमरान खान के लाहौर से इस्लामाबाद रवाना होने से ठीक पहले लाइव कवरेज, रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। जियो न्यूज ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक ने कहा कि देखा गया है कि टीवी चैनल हिंसक भीड़ की लाइव फुटेज और तस्वीरें दिखा रहे हैं, जो चिंता का वजह है। PEMRA ने यह भी कहा कि भीड़ द्वारा इस तरह की सक्रियता कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरे में डालती है और सार्वजनिक संपत्तियों और जीवन को असुरक्षित बनाती है।