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कश्मीर पर मुस्लिम देशों से घट रहे समर्थन से बौखलाया पाकिस्तान, बोला- OIC ने हमेशा साथ दिया

कश्मीर को लेकर मुस्लिम देशों की ओर से पाकिस्तान को लेकर समर्थन पूरी दुनिया में लगातार घट रहा है। हाल ही में सऊदी अरब द्वारा कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को झटका देने से देश के अंदर ही कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Tue, 22 Dec 2020 09:06 AM (IST)
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कश्मीर पर मुस्लिम देशों से घट रहा पाकिस्तान को समर्थन। (फोटो: दैनिक जागरण)
इस्लामाबाद, आइएएनएस। कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के रुख को मुस्लिम देशों के साथ दुनिया भर में लगातार समर्थन घट रहा है। हाल ही में सऊदी अरब द्वारा कश्मीर को लेकर पाकिस्तान को झटका देने से देश के अंदर ही कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। हालांकि गुलाम कश्मीर के राष्ट्रपति सरदार मसूद खान इस बात से सहमत नहीं हैं।

सरदार मसूद खान का कहना है कि रियाद ने कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा पाकिस्तान का साथ दिया। इस्लामी देशों के संगठन (ओआइसी) के मंच और कश्मीर कांटैक्ट ग्रुप के जरिए सऊदी अरब हमेशा पाक का तरफदार रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में दक्षिण अफ्रीकी मुल्क नाइजर के नाइमे में ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में सऊदी अरब ने पूरे दमखम से कश्मीर पर हमारा साथ दिया।

इससे हमें दशकों पुराने इस मामले को एक बार फिर दुनिया के सामने लाने में मदद मिली। मसूद ने कहा कि इस बैठक में सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान हुए बिना दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा कायम नहीं हो सकती। मसूद ने कहा कि कश्मीर पर रियाद ने जहां भरपूर साथ दिया वहीं यूएई ने इस मौके पर अफसोसनाक तरीके से चुप्पी साधे रखी। वैसे रियाद का बयान इस मायने में ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि फिलहाल सऊदी अरब ही ओआइसी का अध्यक्ष है।

शार्ली आब्दो हमले में चार पाकिस्तानी गिरफ्तार

फ्रांस में व्यग्य पत्रिका शार्ली आब्दो के पुराने कार्यालय के बाहर हुए हमले में चार पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया है। यह हमला 25 सितंबर को हुआ था, जिसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पकड़े गए चारों युवक हमले के मुख्य अभियुक्त जहीर हसन मुहम्मद के रिश्तेदार और दोस्त हैं। इनकी उम्र 17 से 21 साल से बीच है। हसन को हमले के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

उसने जांचकर्ताओं को बताया था कि शार्ली आब्दो कार्यालय पर पूर्व में हुए हमले के बारे में उसके पास पाकिस्तान से वीडियो आया था। जिसे देखने के बाद दूसरी बार कार्टून प्रकाशित करने पर उसने हमले की योजना बनाई थी। जांच में उसने रोते हुए बताया कि वह तहरीक-ए-लबाइक पार्टी के चरमपंथी नेता खादिम हुसैन रिजवी के नफरत वाले भाषण से प्रभावित हो गया था। उसके बाद ही वह 2018 में अवैध कागजातों के साथ फ्रांस आ गया था। रिजवी ने ही फ्रांस के खिलाफ आंदोलन में परमाणु हमले की धमकी दी थी। उसकी नवंबर में कोरोना होने के बाद मौत हो गई है।