Pakistan Parliament Elections : पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने आम चुनाव की तारीख पर लगाई मुहर, आठ फरवरी को होगा मतदान
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान और आयोग के चार अन्य सदस्यों के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा ने राष्ट्रपति अल्वी से मुलाकात की। परिसीमन और चुनाव के बारे में जानकारी लेने के बाद आठ फरवरी को आम चुनाव कराने पर सहमति बन गई है। राष्ट्रपति ने गत नौ अगस्त को नेशनल असेंबली भंग की थी।
पीटीआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आम चुनाव आठ फरवरी को कराए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने गुरुवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात की जिसके बाद तिथि की घोषणा की गई। इसके साथ ही देश में आम चुनाव को लेकर अनिश्चितता खत्म हो गई है। इससे पहले निर्वाचन आयोग के वकील ने शीर्ष कोर्ट से कहा था कि 11 फरवरी को चुनाव कराए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान और आयोग के चार अन्य सदस्यों के साथ मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा ने राष्ट्रपति अल्वी से मुलाकात की। परिसीमन और चुनाव के बारे में जानकारी लेने के बाद आठ फरवरी को आम चुनाव कराने पर सहमति बनी।
चुनाव कराने को लेकर इमरान खान ने कोर्ट से क्या मांग की थी?
इससे पहले नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली भंग होने के 90 दिन के भीतर चुनाव कराने की मांग को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ), सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन एवं अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा, जस्टिस अमीन-उद-दीन खान और जस्टिस अतरह मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ से आयोग के वकील सजील स्वाती ने 11 फरवरी को चुनाव कराए जाने की जानकारी दी थी।
चुनाव आयोग के लिए निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना हुआ अनिवार्य
राष्ट्रपति ने गत नौ अगस्त को नेशनल असेंबली भंग की थी। संविधान के अनुच्छेद 224 के अनुसार, 90 दिन के भीतर सात नवंबर तक चुनाव कराए जाने थे, लेकिन तत्कालीन शहबाज शरीफ सरकार ने असेंबली भंग होने से पहले जनगणना का आधिकारिक प्रकाशन कर दिया था। ऐसे में निर्वाचन आयोग के लिए चुनाव अधिनियम की धारा 17 (2) के अनुसार निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करना अनिवार्य हो गया।