Pakistan Election 2024: ईशनिंदा के बहाने जुल्म करने वाली पार्टी को नहीं मिला जनता का साथ, हार पर क्या बोले Tehreek-e-Labbaik के नेता
साद हुसैन रिजवी की तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पार्टी ने 2018 के चुनावों में सबसे बड़ी इस्लामी ताकत के रूप में उभरने के लिए ईशनिंदा कानून का सहारा लिया लेकिन पिछले हफ्ते के राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों में इसकी प्रमुखता लगभग खत्म हो गई। शनिवार को सांस्कृतिक राजधानी लाहौर के केंद्र में समर्थकों से बात करते हुए रिजवी ने कहा कि इस्लाम के दुश्मनों ने उनकी पार्टी को रोक दिया है।
एएफपी, लाहौर। Pakistan General Elections 2024। पाकिस्तान में त्रिशंकु संसद का सामना करना पड़ रहा है। पिछले तीन दिनों से पाकिस्तान में मतगणना जारी है। 265 सीटों पर आम मतदान हुए, जिसमें 264 सीटों के नतीजे सामने आ गए हैं।
इस समय पीटीआई समर्थित इंडिपेंडेंट उम्मीदवार 101 सीटों पर विजयी हो चुके हैं। वहीं, नवाज शरीफ समर्थित मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीटें जीत चुकी है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को 54 सीटें मिली है।
जनता का पार्टी पर विश्वास कम होता जा रहा
वहीं, कट्टरपंथी विचारधारा तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी इस चुनाव में कुछ कमाल नहीं दिखा पाई। यह पार्टी और ईशनिंदा कानूनों को सख्ती से लागू करने की वकालत करते आई है। विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी के संस्थापक खादिम हुसैन रिजवी की मौत के बाद जनता का पार्टी पर विश्वास कम होता जा रहा है।साद हुसैन रिजवी की तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पार्टी ने 2018 के चुनावों में सबसे बड़ी इस्लामी ताकत के रूप में उभरने के लिए ईशनिंदा कानून का सहारा लिया, लेकिन पिछले हफ्ते के राष्ट्रीय और प्रांतीय चुनावों में इसकी प्रमुखता लगभग खत्म हो गई। शनिवार को सांस्कृतिक राजधानी लाहौर के केंद्र में समर्थकों से बात करते हुए रिजवी ने कहा कि इस्लाम के दुश्मनों ने उनकी पार्टी को रोक दिया है।
चुनाव मतगणना में धांधली हुई: साद हुसैन रिजवी
उन्होंने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया,"चुनाव मतगणना में धांधली इसलिए हुई है क्योंकि हम अधिकारों के बारे में बात करते हैं, और हम उस विश्वास के बारे में बात करते हैं जिसे इस दुनिया में सत्ता में रहने वाले लोग स्वीकार नहीं करते हैं।"
जब उनसे पूछा गया कि वह अपने पिता खादिम हुसैन रिजवी की जगह ले सकते हैं तो उन्होंने तथ्यपरक जवाब दिया। उन्होंने कहा,"लोगों को सड़कों पर लाना, और लोगों को वोट देने के लिए बाहर लाना टीएलपी के लिए पहले भी कोई समस्या नहीं थी और अब भी यह कोई समस्या नहीं है।"ईशनिंदा कानून में सुधार पर काम करने वाले अराफात मजहर ने एएफपी को बताया, "खादिम रिज़वी के पास उस तरह का नेतृत्व और करिश्मा था जो उनके बेटे के पास नहीं है।"
तहरीक-ए-लब्बैक पर हिंदू धर्म के लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगता आया है। पार्टी ने अगस्त 2021 लाहौर में महाराजा रणजीत सिंह की प्रतिमा को तोड़ने का आरोप भी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर लगा.