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Pakistan Election: पाकिस्तान में टल सकता है आम चुनाव, सीनेट में इलेक्शन टालने वाले प्रस्ताव को मिली मंजूरी

पड़ोसी देश पाकिस्तान में चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रही गहमागहमी पर विराम लगता हुआ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान की संसदने सर्द मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आम चुनाव को टालने की मांग करने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि देश में 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव की तारीख निर्धारित की गई थी।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 05 Jan 2024 04:56 PM (IST)
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निर्दलीय सांसद दिलावर खान ने संसद में प्रस्ताव पेश किया (फाइल फोटो)
पीटीआई, इस्लामाबाद। पड़ोसी देश पाकिस्तान में चुनाव को लेकर लंबे समय से चल रही गहमागहमी पर विराम लगता हुआ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान की संसदने सर्द मौसम और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए आम चुनाव को टालने की मांग करने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि देश में 8 फरवरी 2024 को आम चुनाव की तारीख निर्धारित की गई थी।

निर्दलीय सांसद दिलावर खान ने चुनाव को टालने को लेकर संसद में प्रस्ताव पेश किया था, जिसको संसद के ऊपरी सदन में भारी समर्थन मिला। हालांकि, सूचना मंत्री मुर्तजा सोलंगी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज ने इस कदम का विरोध किया।

देश के ज्यादातर हिस्सों में कड़ाके की ठंड- सांसद

दिलावर खान ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में इस समय कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके देखते हुए ठंड वाले क्षेत्रों में चुनावी प्रबंध करवाना संभव नहीं है।

देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं- दिलावर

वहीं, सुरक्षा की स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। राजनेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के प्रमुख फजलुर रहमान पर हमला किया गया था। सांसद दिलावर खान ने आगे कहा, "यहां तक कि बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भी सुरक्षा बलों पर हमला किया जा रहा है।"

केवल 14 सांसदों की मौजूदी में प्रस्ताव पारित

पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कि देश में 8 फरवरी को चुनाव करवाए जाएंगे। इसके बावजूद, सीनेट में केवल 14 सांसदों की मौजूदी में यह प्रस्ताव पारित किया गया।

संसद के इस कदम से देश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। वहीं, संसद में यह प्रस्ताव पारित होते ही पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में शेयर बाजार में 800 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई।

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