Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Pakistan Election: तो क्या चुनाव के बाद सुधरेंगे भारत-पाक के रिश्ते? नवाज शरीफ क्यों हुए थे सत्ता से बदखल; लाहौर में किया खुलासा

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने पर जोर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत अफगानिस्तान और ईरान सहित पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान की वैश्विक विश्वसनीयता सौहार्दपूर्ण संबंधों पर निर्भर है। साल 1999 की घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कारगिल युद्ध का विरोध किया था।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 10 Dec 2023 01:12 PM (IST)
Hero Image
नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के राजनयिक संबंध को बेहतर बनाने पर जोर दिया।(फोटो सोर्स: एपी)

आईएएनएस, लाहौर। Pakistan General Election। पाकिस्तान में अगले दो महीने में आम चुनाव होने वाले हैं। पाकिस्तान चुनाव आयोग के मुताबिक, 8 फरवरी को चुनाव होंगे। इस चुनाव में तीन पार्टियां, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की पार्टी PML-N, बिलावल भुट्टो जरदारी की PPP और इमरान खान की पार्टी PTI शामिल हैं। ब्रिटेन में चार साल बिताने के बाद पिछले महीने लंदन से पाकिस्तान वापस लौटे नवाज शरीफ पीएम की रेस में एक प्रबल दावेदार हैं।

इसी बीच नवाज शरीफ ने भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने पर जोर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री ने भारत, अफगानिस्तान और ईरान सहित पड़ोसी देशों के साथ राजनयिक संबंध सुधारने पर जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान की वैश्विक विश्वसनीयता सौहार्दपूर्ण संबंधों पर निर्भर है।

कारगिल का प्लान मुझे मालूम था: नवाज शरीफ

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1999 की घटनाओं को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कारगिल युद्ध का विरोध किया था। नवाज ने लाहौर में कहा है कि उन्हें सन् 1999 में सत्‍ता से इसलिए बाहर फेंक दिया गया क्योंकि उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के कारगिल प्‍लान का समर्थन नहीं किया था। पूर्व प्रधानमंत्री ने इस बात को कबूल किया है कि उन्हें मुशर्रफ के कारगिल में खतरनाक प्लान के बारे में मालूम था।

पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते बेहतर करने पर नवाज का जोर

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अगर किसी देश के पड़ोसी देश उससे नाराज हैं तो वैश्विक मंच पर उसे गंभीरता से लिए जाने की उम्मीद नहीं की जा सकती। नवाज शरीफ ने कहा कि भारत, अफगानिस्तान और ईरान के साथ संबंधों में सुधार और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करना उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के एजेंडे में है।

नवाज शरीफ ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो हमने देशहित के लिए कई कड़े फैसले लिए। नवाज शरीफ ने आगे कहा, देश की मौजूदा स्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेही का सामना करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने किसी राजनेता का नाम लेने से परहेज किया।

इमरान खान पर साधा निशाना

नवाज शरीफ ने आगे कहा, मेरे कार्यकाल के दौरान भारत के दो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी पाकिस्तान आए थे। उन्होंने कहा," हमें चीन और मजबूत रिश्ते बनाने होंगे। इमरान खान की सरकार के दौरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारी गिरावट आई। फिर शाहबाज शरीफ ने अप्रैल 2022 में सत्ता संभाली और देश को कंगाल होने से बचाया।"

यह भी पढें: Pakistan: 'नवाज शरीफ 'चयन' के माध्यम से चाह रहे हैं चौथा कार्यकाल...,' पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा- मैं करूंगा विरोध