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Pakistan Election: राजनीतिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने की मांग तेज, PPP ने की ये डिमांड

राजनैतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने की मांग की जाने लगी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गिरने औक उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही देश राजनैतिक संकटों से घिरा हुआ है। इसी बीच पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) ने 90 दिनों के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने की मांग की है।

By Abhinav AtreyEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Sat, 26 Aug 2023 09:21 AM (IST)
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पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने आम चुनाव करवाने की मांग की (फोटो, पीपीपी)
इस्लामाबाद, एजेंसी। राजनितिक और आर्थिक संकट से जूझ रहे भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने की मांग की जाने लगी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार गिरने औक उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही देश राजनैतिक संकटों से घिरा हुआ है। इसी बीच पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) ने 90 दिनों के भीतर पाकिस्तान में आम चुनाव करवाने की मांग की है।

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने मांग की है कि आम चुनाव 90 दिनों के भीतर करवाए जाएं। पीपीपी ने इस बात पर जोर दिया है कि अगर चुनाव तीन महीने की भीतर नहीं करवाए गए थे पाकिस्तान संवैधानिक संकट से जूझने लगेगा। पीपीपी के नेताओं ने अपनी केंद्रीय कार्यकारी समिति (CEC) की बैठक की जहां उन्होंने अगले चुनावों और बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर चर्चा की।

पीपीपी नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया

पीपीपी नेताओं ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP) ने 17 अगस्त को इस महीने की शुरुआत से काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) द्वारा अनुमोदित नई जनगणना के मुताबिक किए जाने वाले नए परिसीमन के कार्यक्रम की घोषणा की।

2023 की जनगणना विवादास्पद- शेरी रहमान

जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ईसीपी शेड्यूल में कहा गया है कि नए सिरे से परिसीमन में लगभग चार महीने लगेंगे, जिससे साफ है कि प्रांतीय और राष्ट्रीय विधानसभाओं के भंग होने के तीन महीने के अंदर आम चुनाव नहीं हो सकते हैं। पीपीपी के उपाध्यक्ष और सांसद शेरी रहमान ने 2023 की जनगणना को 'विवादास्पद' बताया। उन्होंने कहा कि सीसीआई की बैठक में निर्णय लिया गया कि नए सिरे से परिसीमन के कारण चुनाव में देरी नहीं होगी।

उन्होंने आगे कहा कि सभी सीईसी सदस्यों का एक ही विचार है कि देश में जल्द से जल्द चुनाव करवाए जाएं। सांसद शेरी ने कहा, "नेशनल असेंबली की सीटों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, इसलिए चुनाव में देरी नहीं की जानी चाहिए।" रहमान ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ईसीपी के साथ एक बैठक करेगी। उन्होंने कहा कि देश में चल रही मौजूदा कार्यवाहक सरकार संविधान में बदलाव करने के लिए अधिकृत नहीं है और कानून बदलना अंतरिम व्यवस्था का जनादेश नहीं है।