Move to Jagran APP

IMF के कर्ज को आसान बनाने के लिए पाकिस्तान ने US से मांगी मदद, बाढ़ की वजह से चरमरा चुकी है देश की Economy

पाकिस्तान ने अमेरिका से गुहार लगाई है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 1.1 बिलियन अमेरिकी डॅालर के फंड पर लगी रोक को हटाने में मदद की जाए।आईएमएफ और पाकिस्तान ने 2019 में डॅालर 6 बिलियन बेलआउट पर हस्ताक्षर किए थे।

By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 26 Jan 2023 05:14 PM (IST)
Hero Image
आईएमएफ के कर्ज को आसान बनाने के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मांगी मदद। (फोटो सोर्स: रायटर)
इस्लामाबाद, एजेंसी। आर्थिक संकट की मार झेल रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर अमेरिका से मदद की गुहार लगाई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 1.1 बिलियन अमेरिकी डॅालर के कर्ज को आसान बनाने के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी है। बता दें कि पिछले साल पाकिस्तान में आई बाढ़ की वजह से वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा चुकी है। इस समय पाकिस्तान को चिंता है कि आईएमएफ से कर्ज लेने के बाद देश में महंगाई और बढ़ सकती है। 

कुछ शर्तों के साथ पाकिस्तान को मिलने वाली थी लोन

आईएमएफ और पाकिस्तान ने 2019 में डॅालर 6 बिलियन बेलआउट पर हस्ताक्षर किए थे। पिछले साल आईएमएफ ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज के सातवीं और आठवीं समीक्षा को मंजूरी दे दी थी। इस फैसले के बाद पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर से अधिक की राशि आईएमएफ से मिलने वाली थी।

हालांकि, यह लोन पाकिस्तान को कुछ शर्तों के साथ दी जाने वाली थी। सबसे बड़ी शर्त थी कि पाकिस्तान को लोन दिए जाने से पहले बजट घाटे को कम करना पड़ेगा। बता दें कि पाकिस्तान में ब्याज दर 17 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। वहीं, पिछले साल दिसंबर महीने में देश की मुद्रस्फीति 24.5 प्रतिशत पहुंच गई।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री बोले- हम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का करते हैंसम्मान

वित्त मंत्री इशाक डार ने अमेरिकी ट्रेजरी के प्रितनिधिमंडल से बुधवार को मुलाकात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करता है। पाकिस्तान ने हाल ही में कुछ कड़े फैसले भी लिए हैं। जिसमें प्राकृतिक गैस में और बिजली बिल में वृद्धि करने जैसे फैसले शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ की त्रासदी से निपटने के लिए पाकिस्तान को कुछ वक्त की जरूरत है। बता दें कि पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ में 1,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

यह भी पढ़ें: Pakistan Crisis: श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान, क्या कर्ज चुकाने में करेगा चूक? आर्थिक बदहाली के बने हालात