FATF removes Pakistan from Grey List: एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट से हटाया, म्यांमार हुआ ब्लैक लिस्ट
पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बहार हो गया है। हालांकि पहली बार एफएटीएफ ने म्यांमार को हाई रिस्क क्षेत्राधिकार (High Risk Jurisdictions subject to a call for action) के दायरे में रखा है। इसे FATF की ब्लैक लिस्ट के रूप में लिया जाता है।
By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Sat, 22 Oct 2022 07:15 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट से बाहर कर दिया है। इस लिस्ट से हटने के बाद अब पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए अंतरराष्ट्री मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय यूनियन जैसी संस्थाओं से वित्तीय मदद पाने की कोशिश कर सकता है। FATF के प्रेसीडेंट टी. राजा कुमार ने सिंगापुर से एक वर्चुअल प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि पेरिस में 20-21 अक्टूबर को हुई दो दिवसीय बैठक में यह फैसला लिया गया है।
एफएटीएफ की टीम ने किया था पाकिस्तान का दौरा
टी. राजा कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी कार्ययोजना की प्रतिबद्धता में एफएटीएफ द्वारा जून, 2018 और जून, 2021 में चिह्नित रणनीतिक खामियों को दूर कर लिया था। जून में अपनी बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में बरकरार रख रहा है, लेकिन साथ ही कहा था कि प्रगति की वहां जाकर पुष्टि करने के बाद उसे लिस्ट से हटाया भी जा सकता है। सितंबर में एफएटीएफ की टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया था।पाक अब निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं
आतंकी वित्त पोषण की वजह से पाकिस्तान को 2018 में इस सूची में शामिल किया गया था। एफएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान अब उसकी बढ़ी हुई निगरानी प्रक्रिया के अधीन नहीं है और वह अपनी मनी लांड्रिंग विरोधी व आतंकी वित्तपोषण रोधी व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए एशिया/प्रशांत समूह के साथ काम करना जारी रखेगा।'
म्यांमार को काली सूची में डाला
एफएटीएफ ने पहली बार म्यांमार को 'कार्रवाई के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्राधिकारों' में रखा है। इसे एफएटीएफ की काली सूची भी कहा जाता है। ईरान और उत्तर कोरिया पहले से उसकी काली सूची में हैं।रूस पर लगाई रोक
एफएटीएफ ने रूस को अपनी भविष्य की परियोजनाओं में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया है। टी. राजा कुमार ने कहा कि यह कदम यूक्रेन पर रूस के आक्रामण की वजह से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि रूस के कदम लगातार एफएटीएफ के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन कर रहे हैं जिनका मकसद वित्तीय प्रणालियों की सुरक्षा, संरक्षा और प्रामाणिकता को बढ़ावा देना है।