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बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर OIC ने भी फेरा पाकिस्तान से मुंह, वैश्विक मंच पर भी औंधे मुंह गिरा पाकिस्‍तान

खस्‍ताहाल पाकिस्‍तान की बाढ़ ने कमर तोड़कर रख दी है। आलम ये है कि वो खुद इससे उबर पाने में नाकाम है। लेकिन विश्‍व के देश भी उसको मदद के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं OIC भी इसमें काफी पीछे है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 11:42 AM (IST)
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बाढ़ पीडि़तों की मदद के नाम पर भी पाकिस्‍तान को नहीं मिल पा रही मदद
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान में आई बाढ़ और इससे हुई भीषण तबाही किसी से छिपी नहीं है। 60-65 लाख लोग इस बाढ़ में बेघर हुए हैं और 1700 से अधिक लोगों की मौत हुई है। लाखों मवेशियों के बाढ़ में बहने, लाखों हेक्‍टेयर कृषि योग्‍य भूमि के जलमग्‍न होने और करोड़ों रुपये की संपत्ति के क्षतिग्रस्‍त होने से देश को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार साफ कर चुकी है कि वो इस आपदा से निपटने के लिए अकेले कुछ नहीं कर सकती है। सरकार ने विश्‍व से मदद की अपील की है और पीएम रिलीफ फंड में दान देने के लिए नंबर भी सार्वजनिक किया हुआ है। इतना हीं नहीं यूएन ने भी इस बाढ़ से हुए नुकसान पर चिंता जताई है और विश्‍व से मदद की अपील की है। लेकिन, इस अपील का असर न के बराबर ही होता दिखाई दे रहा है।

लक्ष्‍य पाने में नाकाम यूएन

ऐसा इसलिए क्‍योंकि यूएन ने पाकिस्‍तान के लिए जितना फंड जुटाने का लक्ष्‍य बनाया था उसका आधा भी वो नहीं जुटा पाया है। इतना ही नहीं अब यूएन ह्यूमेनिटेरियन कार्डिनेटर जुलियन हेनरिस ने कहा है कि उन्‍हें पाकिस्‍तान में साफ पानी और स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के लिए कोई पैसा अब तक नहीं मिल सका है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि जो वादा पाकिस्‍तान में इन मदों में देने की बात कही गई थी वो खाली हैं। बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र की ये एजेंसी विश्‍व में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं, सेनिटेशन और पीने के साफ पानी की व्‍यवस्‍था समेत कई दूसरे जनहित कार्यों को करती है। लेकिन पाकिस्‍तान के नाम पर न तो संयुक्‍त राष्‍ट्र की फंड उगाई कर सका है और न ही इस एजेंसी को कोई पैसा मिल सका है। यहां पर एक बड़ा सवाल यही है कि आखिर ऐसा क्‍यों है। इसका जवाब भी हमारे पास है।

आतंकी देश की बनी है छवि

दरअसल, पाकिस्‍तान की विश्‍व में जो छवि बनी हुई है वो एक आतंकी देश की है। यहां से आतंकियों को ट्रेनिंग देकर दूसरे देशों में भेजा जाता रहा है। यही वजह है कि एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को तीन वर्षों के बाद भी ग्रे लिस्‍ट में डाला हुआ है। ये एजेंसी मानती है कि पाकिस्‍तान ने आज तक भी आतंकियों और इनसे जुड़ी फंडिंग पर कोई ठोस कार्रवाही नहीं की है। इसकी वजह से पाकिस्‍तान पूरी दुनिया में अलग-थलग है। वहीं पाकिस्‍तान से दूसरे देशों के कन्‍नी काटने की एक बड़ी वजह चीन भी है। चीन की छवि विश्‍व में एक दादागिरी दिखाने वाले और लगातार अपनी सीमाओं को बढ़ाने का प्रयास करने वाले देश की है। अमेरिका समेत पश्चिमी देशों और कई एशियाई देशों से चीन का लगभग छत्‍तीस का आंकड़ा है। पाकिस्‍तान को बाढ़ पीडि़तों की मदद के नाम पर भी फंड न मिलने की एक बड़ी वजह यही है।

ओआईसी ने भी खींचे मदद से हाथ

पाकिस्‍तान को केवल यही देश या संस्‍थान फंड नहीं दे रहे हैं बल्कि इस्‍लामिक सहयोग संगठन और इसके सदस्‍य देशों ने भी पाकिस्‍तान को बाढ़ पीडि़तों की मदद के नाम पर कोई मदद नहीं की है। सऊदी अरब ने पिछले माह करीब 1 हजार टन खाने के पैकेट भिजवाए थे या तुर्की ने शुरुआत में मदद के नाम पर कुछ लाख टैंट भेजे थे। इसके अलावा दूसरे सभी देश अब तक पीछे ही हैं। ये इस बात का साफ संकेत है कि पाकिस्‍तान की न सिर्फ विश्‍व मंच पर बल्कि उसके अपने संगठन में ही कोई इज्‍जत नहीं है। पाकिस्‍तान की विश्‍व से की गई अपील पर भी दुनिया के देशों ने कोई ध्‍यान नहीं दिया है।

अमेरिका यूएन की अपील को किया नजरअंदाज

यहां पर आपको बता दें कि संयुक्‍त राष्‍ट्र की 77 वीं महासभा के दौरान यूएन चीफ ने पीएम शहबाज शरीफ से कहा था कि वो रिलीफ फंड जुटाने के लिए यूरोप के किसी भी देश में एक कांफ्रेंस करें। लेकिन पाकिस्‍तान ने उनकी बात को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्‍तान से कहा था कि वो चीन से मिले कर्ज को माफ करने की अपील राष्‍ट्रपति शी चिनफिन से करे। इसको भी पाकिस्‍तान ने नजरअंदाज कर दिया। इतना ही नहीं इस बयान पर चीन ने अमेरिका को नसीहत तक दे दी थी। अमेरिका ने भी रिलीफ फंड के नाम पर जो वादा पाकिस्‍तान से किया था, वो भी अभी अधूरा ही है। ये सब कुछ तब सामने आ रहा है जब यूएन की रिपोर्ट में भी पाकिस्‍तान की हालत के बारे में चिंता जताई गई हैं।  

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