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Pakistan: इमरान खान को राहत नहीं, इस्लामाबाद कोर्ट ने गिरफ्तारी को ठहराया 'वैध'; कहा- NAB ने पूरी की औपचारिकता

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान को अदालत परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को तलब किया। हालांकि अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 10 May 2023 02:03 AM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (फोटो: रायटर्स)
इस्लामाबाद, पीटीआई। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार रात पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को 'वैध' ठहराया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी करते समय राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा किया है।

कोर्ट ने अधिकारियों को किया तलब

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खान को अदालत परिसर से भ्रष्टाचार के एक मामले में नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को तलब किया। हालांकि, उसने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इमरान खान की हुई गिरफ्तारी

इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने अर्धसैनिक रेंजरों द्वारा गिरफ्तारी का संज्ञान लिया। इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में मंगलवार को अदालत परिसर से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किया गया।

मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने भ्रष्टाचार मामले पर सुनवाई शुरू होने से पहले अदालत में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराते समय अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा खान को गिरफ्तार किए जाने पर गौर किया।

लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे खान इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं खान के सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (खान को) गिरफ्तार कर लिया।

क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की गिरफ्तारी से एक दिन पहले शक्तिशाली सेना ने उन पर खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगाने का इल्जाम लगाया था।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था अपना फैसला

हाई कोर्ट ने विभिन्न अधिकारियों को तलब किया और गिरफ्तारी के गुण-दोष तथा अदालत के अंदर मौजूद किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना कानूनी था या नहीं, इस बारे में दलीलें सुनीं। मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मुख्य न्यायाधीश ने शुरू में गृह सचिव, इस्लामाबाद पुलिस महानिरीक्षक और अन्य अधिकारियों को आदेश दिया कि वे 15 मिनट के भीतर गिरफ्तारी के बारे में जवाब दें।