Move to Jagran APP

पाकिस्तान में ईशनिंदा मामले में पांच साल बाद हिंदू शिक्षक बरी, 2019 में सिंध प्रांत से हुई थी गिरफ्तारी

पाकिस्तान की अदालत ने शुक्रवार को ईशनिंदा मामले के आरोप में जेल में बंद एक हिंदू शिक्षक को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। सिंध मानवाधिकार आयोग के बोर्ड सदस्य सुखदेव हेमनानी ने बताया कि 2019 में उन पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया और पांच साल तक जेल में रखा। आखिरकार अदालत ने उन्हें बरी करते हुए रिहाई का आदेश दिया।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 01 Mar 2024 10:31 PM (IST)
Hero Image
ईशनिंदा मामले में पांच साल बाद हिंदू शिक्षक बरी (फाइल फोटो)
आईएएनएस, कराची। पाकिस्तान की अदालत ने शुक्रवार को ईशनिंदा मामले के आरोप में जेल में बंद एक हिंदू शिक्षक को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। 2019 में सिंध प्रांत के घोटकी जिले से उसे गिरफ्तार किया गया था।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सुबूत पेश करने में असफल रहा है। ऐसे में संदेह का लाभ आरोपित को मिलना चाहिए और यह उसका अधिकार भी है। हालांकि, शिक्षक के रिश्तेदारों, समाज के सदस्यों और दोस्तों ने खुद को जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की चिंता जताई।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी एयरलाइंस का दूसरा फ्लाइट अटेंडेंट कनाडा में गायब, होटल के कमरे की ली गई तलाशी

सुखदेव हेमनानी ने क्या कुछ कहा?

सिंध मानवाधिकार आयोग के बोर्ड सदस्य सुखदेव हेमनानी ने बताया कि 2019 में उन पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया और पांच साल तक जेल में रखा। आखिरकार अदालत ने उन्हें बरी करते हुए रिहाई का आदेश दिया। हम शिक्षक और उसके परिवार की सुरक्षा व्यवस्था की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें कोई भी नुकसान पहुंचा सकता है। मामले की गलत जानकारी शिक्षक के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

यह भी पढ़ें: PoK से उठी आवाज, क्षेत्र खाली करो पाकिस्तान; भारी नाराजगी के साथ जनता ने निकाली रैली