पाकिस्तान को है SAARC Summit के मेजबानी की उम्मीद
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के महासचिव एसाला रुवान वीराकून के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शिष्टाचार भेंट की। बैठक के दौरान शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके रास्ते में आने वाली कृत्रिम बाधा को दूर करने के बाद उनका देश सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
By Ashisha RajputEdited By: Updated: Sat, 25 Dec 2021 03:10 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के महासचिव एसाला रुवान वीराकून के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शिष्टाचार भेंट की। बैठक के दौरान शुक्रवार को प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि उनके रास्ते में आने वाली 'कृत्रिम बाधा' को दूर करने के बाद उनका देश सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।
विदेश कार्यालय का बयानविदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने इसके रास्ते में बनाई गई कृत्रिम बाधा को हटा दिए जाने पर पाकिस्तान में दक्षेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने को लेकर आशा व्यक्त की।’’
सार्क देश में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका का एक क्षेत्रीय समूह है।वर्ष 2016 से यह बहुत प्रभावी नहीं रहा, क्योंकि 2014 में काठमांडू में आयोजन के बाद यह द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन नहीं हुआ है। मूल रूप से 2016 का सार्क शिखर सम्मेलन 15-19 नवंबर, 2016 को इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला था। लेकिन उस वर्ष 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर के उरी में भारतीय सेना के एक शिविर पर आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘‘मौजूदा परिस्थितियों’’ के कारण शिखर सम्मेलन में भाग लेने में असमर्थता जताई।
बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के भी इस्लामाबाद में बैठक में भाग लेने से इनकार करने के बाद शिखर सम्मेलन को स्थगित कर दिया गया था। वीराकून के साथ अपनी बैठक के दौरान खान ने आपसी हित के लक्ष्यों और दक्षेस घोषणा में निहित उद्देश्यों के लिए काम करने की पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराया।महासचिव ने सार्क से संबंधित मुद्दों पर उनके मार्गदर्शन के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि अपने कार्यकाल के दौरान वह दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों के लाभ के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सदस्य देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए दृढ़ प्रयास करेंगे। इमरान खान ने इस महीने की शुरुआत में सियालकोट में श्रीलंकाई नागरिक प्रियंता कुमारा की पीट-पीट कर हत्या करने की भी कड़ी निंदा की और कहा कि इस तरह के कृत्यों का कोई औचित्य नहीं है।