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Pakistan: शहबाज सरकार के विरोध में इमरान खान जल्द शुरू करेंगे लॉन्ग मार्च, अगले 6 दिनों में करेंगे घोषणा

इमरान खान पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। इमरान खान अगले छह दिनों के भीतर लॉन्ग मार्च की तारीख की घोषणा करेंगे और यह इस शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ अंतिम प्रदर्शन होगा।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 03 Oct 2022 04:00 PM (IST)
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इमरान खान जल्द शुरू करेंगे सरकार विरोधी लॉन्ग मार्च (फाइल इमेज)
इस्लामाबाद, एजेंसी। इमरान खान सरकार विरोधी लॉन्ग मार्च शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। 55 से अधिक सार्वजनिक सभाओं और दो दर्जन से अधिक सम्मेलनों, संस्थागत आयोजनों के बाद इमरान खान सरकार विरोधी लॉन्ग मार्च शुरू करने और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में धरना प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं। जब तक कि उनकी जल्द चुनाव कराने की मांग पूरी नहीं हो जाती।

इमरान खान की राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सूत्रों ने पुष्टि की है कि लॉन्ग मार्च की तारीख की घोषणा अगले 6 दिनों के भीतर की जाएगी क्योंकि पार्टी अब आगामी लॉन्ग मार्च की तैयारी शुरू करने के लिए सूत्रों के साथ परामर्श और बातचीत कर रही है।

इमरान खान ही सच्चे नेता: फवाद चौधरी

पूर्व सूचना मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ सदस्य, फवाद चौधरी ने कहा कि राष्ट्र को लॉन्ग मार्च की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि यह एकमात्र विकल्प बचा है जिसे उन्होंने 'सत्ता की आयातित सरकार' करार दिया। उन्होंने कहा, 'यह सरकार देश के बहुमत की सहमति नहीं रखती है और एक शासन परिवर्तन की साजिश के माध्यम से सत्ता में लाई गई है। देश को अब एक लॉन्ग मार्च की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि इमरान खान ही सच्चे नेता हैं जो पूरे देश की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।'

6 दिनों के भीतर तारीख की घोषणा करेंगे इमरान

फवाद चौधरी ने कहा, 'इमरान खान अगले छह दिनों के भीतर लॉन्ग मार्च की तारीख की घोषणा करेंगे और यह इस आयातित सरकार के खिलाफ अंतिम प्रदर्शन होगा।' 

मैं उत्पीड़कों को और समय नहीं दूंगा : इमरान खान

बंद कमरे में हुई बैठक में इमरान खान ने कहा कि वह शहबाज शरीफ सरकार को और वक्त नहीं देंगे। इमरान खान ने कहा, 'मैं उत्पीड़कों को और समय नहीं दूंगा और जल्द ही ऐतिहासिक लॉन्ग मार्च की औपचारिक घोषणा करूंगा।' लॉन्ग मार्च निकालने का फैसला शहबाज शरीफ सरकार के गठबंधन सहयोगियों तक पहुंचने के असफल प्रयासों, सैन्य प्रतिष्ठान के उच्च अधिकारियों के साथ पिछले दरवाजे की बैठक, ऑडियो लीक और सरकार के इमरान खान को तोशा खाना मामले, फॉरेन फंडिंग का मामला और इमरान खान पर आर्टिकल-6 (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज करने के बारे में चल रही बातचीत, साइफर से साजिश रचने और शासन परिवर्तन कथा के माध्यम से राजनीतिक खेल खेलने के लिए इसका इस्तेमाल करने सहित विभिन्न मामलों में सलाखों के पीछे डालने के प्रयासों के बाद आया है।

लॉन्ग मार्च रणनीतियों पर हो रहा विचार

लॉन्ग मार्च के लिए विभिन्न रणनीतियों पर विचार किया जा रहा है, विशेष रूप से पिछले लॉन्ग मार्च को देखते हुए, जिसमें आंतरिक मामलों के वर्तमान संघीय मंत्री राणा सनाउल्लाह के आदेश पर सुरक्षा बलों द्वारा आंसू गैसों, नाकाबंदी, घर पर छापे और हमलों से निपटा गया था। अपेक्षित रणनीतियों के बीच और इस तथ्य के मद्देनजर कि इमरान खान का पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, गिलगित-बाल्टिस्तान (जीबी) और आजाद जम्मू और कश्मीर (एजेके) उर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर प्रांतीय नियंत्रण है, इस्लामाबाद को दबाने की उनकी रणनीति प्रांतों को बंद करने और राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले सभी मार्गों को हर तरफ से काटने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है।

पहले भी किया है जल्द चुनाव कराने की मांग

बता दें कि यह पहली बार नहीं होगा जब पीटीआई ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर धरना दिया हो। 2014 में, इमरान खान ने इस्लामाबाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पद छोड़ने और जल्द चुनाव कराने की मांग को लेकर 126 दिनों तक धरना दिया था। हालांकि, न तो इमरान खान की मांग पूरी हुई और न ही महीनों के लंबे विरोध ने मौजूदा सरकार को हटाने के लिए प्रेरित किया।

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