कश्मीर को लेकर फिर बौखलाहट में पाकिस्तान, भारत से बातचीत की आड़ में की ये ना'पाक' पेशकश
पाकिस्तान एक बार फिर से कश्मीर को लेकर बौखला उठा है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के सामने एक नापाक पेशकश की है। उन्होंने भारत से कश्मीर के फैसले पर दोबारा विचार करने की पेशकश की है।
By Shashank PandeyEdited By: Updated: Mon, 26 Apr 2021 11:54 AM (IST)
इस्लामाबाद, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान की ओर से कई बार कश्मीर पर भारत के फैसले को लेकर बौखलाहट दिख चुकी है। एक बार फिर पाकिस्तान की बौखलाहट सबके सामने आई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत और जम्मू कश्मीर को लेकर एक नापाक पेशकश की है। पाक विदेश मंत्री ने कहा है कि हम भारत से बातचीत करने को तैयार हैं, अगर भारत, जम्मू कश्मीर पर 5 अगस्त, 2019 के फैसले पर दोबारा विचार करने को तैयार है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान मतभेदों पर बातचीत करने और बातचीत के माध्यम से बकाया मुद्दों को हल करने में खुश होगा, अगर भारत जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में 5 अगस्त, 2019 को एकतरफा फैसले पर फिर से विचार करने को तैयार था। तुर्की की अनादोलु एजेंसी का हवाला देते हुए पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि अपने दो दिवसीय तुर्की दौरे के दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अगर भारत 5 अगस्त, 2019 को लिए गए कुछ फैसलों पर फिर से विचार करने को तैयार है, तो पाकिस्तान को सभी व्यस्त मुद्दों को सुलझाने, बैठने और बात करने और हल करने में खुशी होगी।
5 अगस्त 2019 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के अनुच्छेद 370 को संशोधित करके जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने का अधिकार हटाने वाला एक साहसिक कदम उठाया। उसी दिन, राज्य सभा ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक भी पारित किया, जिसने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों-लद्दाख और जम्मू और कश्मीर में विभाजित किया। भारत के इस कदम से पाकिस्तान के सारे मंसूबे धरे रह गए। पाकिस्तान पर कश्मीर के लोगों को भड़काने, वहां आतंकवाद फैलाने का आरोपी कहा जाता है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने बताया कि कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर, सियाचिन, सर क्रीक, पानी और अन्य छोटे मुद्दों सहित भारत के साथ बकाया मुद्दों पर बातचीत की और एकमात्र समझदार तरीका था।