क्या इस सप्ताह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाएगा पाकिस्तान! पेरिस में 20-21 अक्टूबर को होगी खास बैठक
इस सप्ताह पेरिस में एफएटीएफ की अहम बैठक होने वाली है। इसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखने ब्लैक लिस्ट करने या ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने पर चर्चा होगी। पाकिस्तान को उम्मीद है कि इस बार वो ग्रे लिस्ट से बाहर आ जाएगा।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Mon, 17 Oct 2022 11:55 AM (IST)
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। पाकिस्तान को बीते करीब 4 वर्षों से अधिक समय से FATF (Financial Action Task Force) ने ग्रे लिस्ट में डाला हुआ है। अब इसके ग्रे लिस्ट से बाहर आने की उम्मीद की जा रही है। यदि ऐसा हो जाता है तो ये पाकिस्तान के लिए एक बड़ी खुशखबरी होगी। इसके अलावा ये पाकिस्तान की मौजूदा शहबाज शरीफ की सरकार के लिए एक बड़ी कामयाबी होगी। वर्ष 2018 में पाकिस्तान को आतंकवाद पर नकेल कसने में विफल रहने के चलते FATF ने इसको ग्रे लिस्ट में शामिल किया था। तभी से इस पर ब्लैक लिस्ट होने की भी तलवार लटकी हुई थी। हालांकि, इस दौरान पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट तो नहीं हुआ लेकिन ग्रे लिस्ट से बाहर आने की उसकी हर योजना विफल रही। पाकिस्तान ने कई बार इसको लेकर भारत पर आरोप भी लगाया था।
20-21 अक्टूबर को होगी अहम बैठक
एफएटीएफ का कहना है कि इसके प्लेनरी सेशन की शुरुआत पेरिस में 20-21 अक्टूबर को सिंगापुर के अध्यक्ष टी राजा की अध्यक्षता में होने वाली है। इसमें करीब 206 सदस्य हिस्सा लेंगे, जिसमें आईएमएफ, इंटरपोल, वर्ल्ड बैंक, एगमोंट ग्रुप आफ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट्स और यूएन के अधिकारी भी शामिल होंगे। दो दिन चलने वाली इस बैठक के बाद एफएटीएफ पाकिस्तान को लेकर अपना फैसला सुनाएगी। इस दौरान होने वाली चर्चा में आतंकवाद को पोषित करने के इरादे से हो रही फंडिंग पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान ने क्या कदम उठाए हैं और इनका कितना फायदा हुआ है, के बारे में चर्चा होगी। पाकिस्तान मीडिया ने उम्मीद जताई है कि इस बार उसको इसकी ग्रे लिस्ट में से निकलने की कामयाबी मिल जाएगी। इस आगामी बैठक में पाकिस्तान दस्तावेजी सबूत भी पेश करेगा।
जून 2018 से ग्रे लिस्ट में शामिल
बता दें कि पाकिस्तान को एफएटीएफ ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। एफएटीएफ ने उस वक्त आतंकवाद को होने वाली गलत फंडिंग, अनियमितता, जांच में कमी, गैर सरकारी संस्थानों में मनी लाड्रिंग को विश्व के वित्तीय सिस्टम के लिए बड़ा खतरा माना था। FATF ने पहले पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा था। इसके बाद इन बिंदुओं को बढ़ा कर 34 और फिर 40 तक कर दिया गया था। पाकिस्तान को अब पेरिस में होने वाली चर्चा के परिणामों का बेसर्बी से इंतजार हो रहा है।