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Inside Story: भीषण बाढ़ ने पाकिस्‍तान की तोड़ी आर्थिक कमर, पढ़ें- आंकड़ों की जुबानी देश की बदहाली की कहानी

पाकिस्‍तान में आई बाढ़ का असर अब वहां की आर्थिक विकास की दर पर साफतौर पर देखा जा सकता है। सरकारी आंकड़े इसकी कहानी बयां कर रहे हैं। 30 अरब डालर का नुकसान देश को इससे अब तक हो चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 10 Sep 2022 09:51 AM (IST)
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बाढ़ से पाकिस्‍तान की रही सही आर्थिक कमर भी टूट गई है।
नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान में बाढ़ और बारिश से आई तबाही ने लगभग पूरे देश में ही हाहाकार मचा रखा है। आम जनता से लेकर सरकार तक इसके सामने लाचार दिखाई दे रही है। इस बाढ़ और बारिश का असर अब पाकिस्‍तान की विकास दर पर भी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पहले ही हजारों हेक्‍टेयर की कृषि योग्‍य भूमि बाढ़ की चपेट में आकर बर्बाद हो चुकी है। फसलें तबाह हो चुकी हैं। खाद्य पदार्थों और सब्जियों की पहले से ही कमी हो रखी है। इसकी वजह से स्‍थानीय बाजारों में इनकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।

टेक्‍सटाइल इंडस्‍ट्री को नुकसान की आशंका

देश की टेक्‍सटाइल्‍स इंडस्‍ट्री पहले ही कपास की कमी से करोड़ों रुपयों का नुकसान होने की आशंका जता चुकी है। इस इंडस्‍ट्री ने सरकार से भारत से कपास आयात को मंजूरी देने का आग्रह किया है। फल, सब्‍जी और कपास समेत दूसरी चीजों की कमी को पूरा करने के लिए पाकिस्‍तान ने भारत को अंतिम विकल्‍प के तौर पर इस्‍तेमाल करने की बात कही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस बाढ़ से देश को 30 अरब डालर का नुकसान हुआ है।

जीडीपी 5 फीसद से कम रहने की आशंका

इन सभी के बीच देश के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा है कि वर्ष 2022-23 में जीडीपी (Gross Domestic Product) 3 फीसद रहने की आशंका है। पहले इसके 5 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन बाढ़ और बारिश से बिगड़े हालातों के बीच पाकिस्‍तान की आर्थिक कमर भी टूट गई है। इस वजह जीडीपी में गिरावट होने की आशंका जाहिर की गई है। वहीं दूसरी तरफ नेशनल डिजास्‍टर मैनेजमेंट आथारिटी ने कहा है कि इस बाढ़ ने 1396 लोगों की जान अब तक जा चुकी है। इसके अलावा 12700 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं।

बाढ़ से 17 लाख घर तबाह

अहसान इकबाल जो NDMA के प्रमुख भी हैं की ताजा रिपोर्ट बता रही है कि देश में बाढ़ की वजह से 17 लाख से अधिक घर या तो पूरी तरह से ध्‍वस्‍त हो गए हैं या फिर क्षतिग्रस्‍त हुए हैं। 6600 किमी से अधिक सड़कें पूरी तरह से बाढ़ में बह गई हैं। बाढ़ ने करीब 300 पुलों को भी बर्बाद कर दिया है। अहसान इकबाल ने ये आंकड़े युनाइटेड नेशन के प्रमुख एंतोनियो गुतरेस और पीएम शहबाज शरीफ के सामने पेश किए हैं। आपको बता दें कि पिछले दिनों यूएन प्रमुख दो दिन के पाकिस्‍तान के दौरे पर इस्‍लामाबाद पहुंचे थे। उन्‍होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा भी किया था। इसके अलावा उन्‍होंने पाकिस्‍तान को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर विश्‍व से मदद देने की अपील भी की थी।

बाढ़ से देश के 81 जिले प्रभावित

बाढ़ से देश के 81 जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। इनमें बलूचिस्‍तान के 32, सिंध के 23 और खैबर पख्‍तूंख्‍वां के 17 जिले शामिल हैं। पाकिस्‍तान दशकों में इस तरह की बाढ़ का सामना कर रहा है। वर्ष 2010 में आए सुपरफ्लट से देश में 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए थे, जबकि इस बार ये आंकड़ा 3.30 करोड़ तक जा पहुंचा है। करीब 6 लाख लोग टैंटों में रहने को मजबूर हैं। देश में ढांचागत सुविधाओं और स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की भी दोहरी मार बाढ़ से पीडि़त लोगों पर पड़ रही है। इकबाल के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध और अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष से ऋण मिलने में हुई देरी से भी हालात काफी खराब हुए हैं।  आपको बता दें कि एक तरफ जहां पर देश की बाढ़ से हालत खराब है वहीं इमरान खान लगातार देश में अपनी रैलियों को अंजाम दे रहे हैं। वह कह चुके हैं कि बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए उनके पास समय नहीं है। 

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