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Pakistan: FATF की निगरानी से बाहर हो सकता है पाकिस्तान, चार साल से ग्रे लिस्ट में बरकरार

देश में विनाशकारी बाढ़ के बाद दूसरी कई समस्याओं से जूझ रहे पाकिस्तान की सरकार को फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के चंगुल से मुक्ति मिल सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो 18 से 21 अक्टूबर तक पेरिस में FATF अधिकारियों की बैठक है। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 15 Oct 2022 06:51 PM (IST)
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FATF की निगरानी से बाहर हो सकता है पाकिस्तान, चार साल से ग्रे लिस्ट में बरकरार।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में विनाशकारी बाढ़ के बाद दूसरी कई समस्याओं से जूझ रहे पाकिस्तान की सरकार को फाइनेंशिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के चंगुल से मुक्ति मिल सकती है। रिपोर्ट्स की मानें तो 18 से 21 अक्टूबर तक पेरिस में FATF अधिकारियों की बैठक है। बैठक में में पाकिस्तान के पक्ष में फैसला होने की उम्मीद है।

चार साल से ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान

आतंकी संगठनों और आतंकियों को होने वाले अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की रोकथाम व गैर कानूनी तरीके से फंड हस्तांतरित करने की गतिविधियों पर संतोषजनक कदम न उठाए जाने के कारण पाकिस्तान 4 साल से ग्रे लिस्ट में बना था। इस सूची से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान के सामने 34 प्रकार की शर्तें रखी गई थीं। इसके बाद पाकिस्तान ने इन शर्तों को पूरा करने की कोशिश की है।

ग्रे सूची से बाहर निकल सकता पाकिस्तान

इस वर्ष के शुरुआत में पाकिस्तान ने FATF को बताया था कि उसने 32 बिंदुओं पर काम किया है। इस संबंध में भारतीय अधिकारियों का भी मानना है कि FATF से निकलने में पाकिस्तान को अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। हालांकि अगर पाकिस्तान इस सूची से बाहर निकल भी जाता है तो उस पर आगे भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगरानी रहेगी। अगर पाकिस्तान इस सूची से बाहर निकल जाता है, तो फिर वर्ष 2024 में उसकी गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी। उस समीक्षा में पाकिस्तान अगर अपने वादे को पूरा नहीं कर पाता है, तो वर्ष 2024 में फिर से निगरानी सूची में डाला जा सकता है।

2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल हुआ था देश

बता दें कि FATF ने जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का संकेत दिया था। मनी लान्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर रोक लगाने के लिए पाकिस्तान की प्रणाली में कमियों के लिए जून 2018 में FATF द्वारा पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा गया था। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इसे पहले 27-सूत्रीय कार्य योजना और बाद में FATF के मानकों का पालन करने के लिए एक और सात-सूत्रीय योजना दी गई थी।

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