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Pak: इमरान खान का दावा, पूर्व सेना प्रमुख बाजवा ने भारत के साथ दोस्ती बहाल करने का डाला था दबाव

Pakistan पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जावेद बाजवा ने उनपर दबाव डाला था कि वो भारत के साथ अपनी दोस्ती बहाल कर लें। साथ ही इमरान खान ने कहा है कि अगले 90 दिनों में चुनाव कराना बेहद जरूरी है।

By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 02 Apr 2023 12:52 PM (IST)
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पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने बाजवा को लेकर कही बड़ी बात
पाकिस्तान, एजेंसी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने उन पर भारत के साथ दोस्ती बहाल करने के लिए दबाव डाला था। बाजवा भारत के साथ दोस्ती चाहते थे और इसके लिए इमरान खान पर दबाव बनाते थे। इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी ने इमरान खान के हवाले से दी है।

90 दिनों के भीतर चुनाव जरूरी

इमरान खान ने कहा कि बाजवा ने एक दिन कुछ कहा और अगले दिन मुकर गए। सेना के प्रति उन्हें जवाबदेह होना चाहिए। आम चुनाव के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए पीटीआई अध्यक्ष ने कहा कि अगर 90 दिनों में चुनाव नहीं हुए तो, देश में संविधान नहीं बचेगा और फिर वह सीधी कार्रवाई करेंगे।

बैकचैनल वार्ता की चर्चाओं पर पाकिस्तान ने लगाया विराम

इस महीने की शुरुआत में, पाकिस्तान ने फिर से इनकार किया कि वह सीमावर्ती भारत के साथ कोई बैकचैनल वार्ता कर रहा था, लेकिन इसके साथ ही उसने शांतिपूर्ण पड़ोस की अपनी इच्छा दोहराई है। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "इस स्तर पर, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बैक चैनल वार्ता नहीं है, दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध पिछले कई सालों से स्थिर हैं।"

2021 में हुई थी बैकचैनल वार्तालाप

पाकिस्तान ने न केवल राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया था, बल्कि भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया था। हालांकि, 2021 में जब दो देश बैकचैनल वार्ता में शामिल हुए तो, संबंधों में बदलाव की संभावना थी। फरवरी 2021 में संयुक्त अरब अमीरात में भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के बीच गुप्त बैठकों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के संघर्ष विराम समझौते का नवीनीकरण हुआ था।

पीएम मोदी को लेकर होने लगी थी चर्चा

अगला कदम द्विपक्षीय व्यापार को बहाल करना था, लेकिन यह प्रक्रिया तब रुक गई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री खान की सरकार ने भारत से चीनी और कपास आयात करने के फैसले को ठुकरा दिया। कुछ रिपोर्टों ने बाद में दावा किया कि बैकचैनल बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान दौरे पर जा सकते हैं।