Pakistan: PTI ने सिफर मामले की जांच के लिए की न्यायिक आयोग के गठन की मांग, इमरान खान को एजेंसी ने ठहराया दोषी
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शनिवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा प्रस्तुत चालान को खारिज कर दिया और सिफर मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन का आह्वान किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सिफर अभी भी विदेश कार्यालय में अपनी मूल स्थिति में मौजूद है। उन्होंने कहा कि सिफर की मौजूदगी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर लगाए गए आरोपों को निराधार साबित करती है।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 01 Oct 2023 03:07 PM (IST)
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने शनिवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) द्वारा प्रस्तुत चालान को खारिज कर दिया और सिफर मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन का आह्वान किया।
30 सितंबर को जारी एक बयान में, पीटीआई के प्रवक्ता ने पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी के खिलाफ प्रस्तुत चालान को अर्थहीन और फर्जी मामला बताया है।
पार्टी प्रवक्ता ने सभी आरोपों को बताया निराधार
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि सिफर अभी भी विदेश कार्यालय में अपनी मूल स्थिति में मौजूद है। उन्होंने कहा, "सिफर की मौजूदगी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर लगाए गए आरोपों को निराधार साबित करती है।"पार्टी प्रवक्ता के मुताबिक, इमरान खान ने बार-बार सिफर मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की थी। पीटीआई के प्रवक्ता ने कहा कि इमरान खान ने मुख्य न्यायाधीश और पाकिस्तान के राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि न्याय की मांग को पूरा करने के लिए सिफर की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।
पीटीआई अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ पेश किया चालान
पाकिस्तान स्थित जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी के खिलाफ सिफर मामले में चालान पेश किया।यह भी पढ़ें: Pakistan: Cipher मामले में इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी पाए गए दोषी, FIA ने दायर किया आरोप पत्र
एफआईए ने अपने चालान में कहा कि इमरान खान और शाह महमूद कुरेशी को इस मामले में दोषी पाया गया है। एजेंसी ने अदालत से अनुरोध किया कि मामले में उन पर मुकदमा चलाया जाए और उन्हें सजा दी जाए। जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीटीआई के पूर्व महासचिव असद उमर का नाम आरोपियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है।