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कट्टरपंथियों के आगे बेबस हुए इमरान, इस्लामी समूह के 800 से अधिक कार्यकर्ताओं को छोड़ा

पाकिस्तान के पंजाब के अधिकारियों ने लगभग दो हफ्ते से चल रहे विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए प्रतिबंधित पार्टी टीएलपी के साथ एक समझौते पर पहुंचने के कुछ दिनों बाद कट्टरपंथी इस्लामी समूह के 800 से अधिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 03 Nov 2021 05:41 PM (IST)
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पाकिस्‍तान में इमरान खान की सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्‍बैक के आगे घुटने टेक दिए हैं।
इस्‍लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्‍तान में इमरान खान की सरकार ने कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्‍बैक (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के आगे घुटने टेक दिए हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब के अधिकारियों ने लगभग दो हफ्ते से चल रहे विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए प्रतिबंधित पार्टी टीएलपी (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के साथ एक समझौते पर पहुंचने के कुछ दिनों बाद कट्टरपंथी इस्लामी समूह के 800 से अधिक कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है। 

पाकिस्‍तानी अखबार डान की रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री राजा बशारत ने कहा कि जिन लोगों को रिहा किया गया है वे 12वीं रबीउल अव्वल को शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान गिरफ्तार किए गए थे। उन्हें छानबीन पूरी होने के बाद रिहा कर दिया गया। बशारत ने कहा कि जिन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी उन्हें अदालतों से जमानत लेनी होगी।

राजा बशारत ने कहा कि फिलहाल यह तय नहीं किया गया है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के उन कार्यकर्ताओं को जिन्हें लोक व्यवस्था रखरखाव (एमपीओ) 1960 की धारा 16 के तहत हिरासत में लिया गया था उन्हें भी रिहा किया जाएगा या नहीं। पंजाब के मुख्‍यमंत्री के विशेष सहायक हसन खरवार ने कहा कि एमपीओ के तहत 1,800 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था जिनमें से 860 को रिहा कर दिया गया है।

हसन खरवार ने बताया कि बाकी लोगों को भी जल्द रिहा कर दिया जाएगा। बता दें कि टीएलपी (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के साथ हुए समझौते को अमली-जामा पहनाने की योजना तैयार करने के लिए सरकार की संचालन समिति की बैठकें हो रही हैं। गौरतलब है कि हाल ही में टीएलपी (Tehreek-i-Labbaik Pakistan, TLP) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने अपने प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरे देश में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया था।