PoK में गृहयुद्ध जैसे हालात, पाकिस्तानी फौज के साथ कश्मीरियों के टकराव में एक अधिकारी की मौत; क्या है पूरा मामला?
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव हुआ। पुलिस कार्रवाई के विरोध में लोग जमकर नारे और पत्थरबाजी कर रहे है। हड़ताल के दौरान व्यवसाय बंद रहे और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव किए जाने के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े जिससे घरों- मस्जिदों में भी लोग प्रभावित हुए।
पीटीआई, इस्लामाबाद। Pok Protest: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में अभी कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। लोग बिजली बिलों पर लगाए गए 'अन्यायपूर्ण' टैक्स का जमकर विरोध करते हुए सड़कों पर उतर गए है। कश्मीरियों ने शाहबाज सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गुस्से में पाकिस्तानी फौज पर जमकर पत्थर बरसाए। लोगों के बेकाबू गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस को हवा में फायरिंग करनी पड़ी, लेकिन तब भी हलात सामान्य नहीं हुए।
मुजफ्फराबाद में हड़ताल
शनिवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में हड़ताल किया गया। इस दौरान व्यवसाय बंद रहे और सामान्य जनजीवन प्रभावित भी हुआ। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए टकराव में एक पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई।
#WATCH | Protests against inflation turn violent as police crackdown on demonstrators in Muzaffarabad, PoK.
— ANI (@ANI) May 11, 2024
The Awami Action Committee called for the protest, demanding tax-free electricity from the Mangla Dam and subsidies on wheat flour. The strike was catalyzed by overnight… pic.twitter.com/sigjaDcRtS
एक पुलिस अधिकारी की मौत और 90 घायल
पीओजेके में चल रहे विरोध प्रदर्शन और शटडाउन हड़ताल के दौरान हुई हिंसक झड़पों में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 अन्य घायल हो गए। रिपोर्ट के अनुसार, मीरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कामरान अली के उप-निरीक्षक अदनान कुरेशी की इस्लामगढ़ शहर में सीने में गोली लगने से मौत हो गई, जहां वह मुजफ्फराबाद के लिए एक रैली को रोकने के लिए अन्य पुलिस कर्मियों के साथ तैनात थे।इन शहरों मे हुआ जमकर प्रदर्शन
बता दें कि जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी (जेकेजेएएसी) के आह्वान पर शुक्रवार को मुजफ्फराबाद में शटर-डाउन और व्हील-जाम हड़ताल आयोजित किया गया। इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे घरों में लोग प्रभावित हुए। डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों द्वारा पथराव के बाद मस्जिदों पर भी पथराव किया गया। पीओके के समहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरत्ता, तत्तापानी, हट्टियन बाला में विरोध प्रदर्शन हुए।
क्या है पूरा मामला?
जेकेजेएसी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद शुक्रवार को हड़ताल का आह्वान किया। दरअसल, समिति ने पिछले महीने घोषणा की थी कि राज्य भर के लोग 11 मई को मुजफ्फराबाद की ओर एक लंबा मार्च करेंगे।इस बीच, यह सामने आया है कि पीओके के मुख्य सचिव ने इस्लामाबाद में आंतरिक प्रभाग के सचिव को पत्र लिखकर 11 मई की हड़ताल के कारण सुरक्षा के लिए छह नागरिक सशस्त्र बल (सीएएफ) प्लाटून की मांग की थी। इसको देखते हुए सरकार ने पूरे पीओके में धारा 144 लागू कर दी थी और 10 और 11 मई को सभी शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियों की घोषणा की थी। हालांकि, पीओके के सभी जिलों में लोग हजारों की संख्या में सड़क पर उतर आए।
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