Afghan Refugees: 'बेहद खराब हुई स्थिति', अफगान शरणार्थियों को निकालने के लिए PAK ने और खोले बॉर्डर
पाकिस्तान ने अफगानी लोगों को देश से निर्वासित करने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोल दिए हैं। खैबर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल नासिर खान ने बताया कि तोरखमा की उत्तर पश्चिमी सीमा पर सुविधाओं को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। सनद रहे कि पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने बिना अफगानी शरणार्थियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया था।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 03 Nov 2023 06:07 PM (IST)
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अफगानी लोगों को देश से निर्वासित करने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोल दिए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने शुक्रवार को बिना दस्तावेज वाले हजारों अफगानियों की वापसी में तेजी लाने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोले हैं।
बकौल एजेंसी, खैबर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल नासिर खान ने बताया कि तोरखमा की उत्तर पश्चिमी सीमा पर सुविधाओं को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। अफगानिस्तान लौटने वाले अफगानियों ने पाकिस्तान से बाहर निकलने में होने वाली समस्याओं और भविष्य को लेकर अनिश्चितता की शिकायत की।
शरणार्थी ने सुनाई आपबीती
22 साल तक चमन में रहने वाले 55 वर्षीय मोहम्मद इस्माइल रफी ने आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में सीमा पर तीन दिन गुजारे। हमारी स्थिति बेहद खराब थी। खुदा का शुक्र है कि हम अपने देश वापस आ गए। मोहम्मद इस्माइल रफी को परिवार के 16 सदस्यों के साथ पाकिस्तान स्थित अपना आवास छोड़ना पड़ा। सीमा पार एक अस्थायी तंबू तक पहुंचने में उन्हें छह दिन का समय लगा।यह भी पढ़ें: गरीबी में जी रही है अफगानिस्तान की आधी आबादी, इकोनॉमिक मॉनिटर की रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक का दावाइस्माइल रफी ने पाकिस्तान अधिकारियों पर उनकी स्वदेश वापसी की प्रक्रिया के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल रफी को हेलमंद प्रांत में अपने पैतृक घर जाने से पहले कंघार में एक किराये के मकान में रहना पड़ा।