Afghan Refugees: 'बेहद खराब हुई स्थिति', अफगान शरणार्थियों को निकालने के लिए PAK ने और खोले बॉर्डर
पाकिस्तान ने अफगानी लोगों को देश से निर्वासित करने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोल दिए हैं। खैबर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल नासिर खान ने बताया कि तोरखमा की उत्तर पश्चिमी सीमा पर सुविधाओं को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। सनद रहे कि पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने बिना अफगानी शरणार्थियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया था।
एएनआई, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने अफगानी लोगों को देश से निर्वासित करने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोल दिए हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने शुक्रवार को बिना दस्तावेज वाले हजारों अफगानियों की वापसी में तेजी लाने के लिए और अधिक सीमा केंद्र खोले हैं।
बकौल एजेंसी, खैबर जिले के डिप्टी कमिश्नर अब्दुल नासिर खान ने बताया कि तोरखमा की उत्तर पश्चिमी सीमा पर सुविधाओं को तीन गुना बढ़ा दिया गया है। अफगानिस्तान लौटने वाले अफगानियों ने पाकिस्तान से बाहर निकलने में होने वाली समस्याओं और भविष्य को लेकर अनिश्चितता की शिकायत की।
शरणार्थी ने सुनाई आपबीती
22 साल तक चमन में रहने वाले 55 वर्षीय मोहम्मद इस्माइल रफी ने आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा कि हमने पाकिस्तान में सीमा पर तीन दिन गुजारे। हमारी स्थिति बेहद खराब थी। खुदा का शुक्र है कि हम अपने देश वापस आ गए। मोहम्मद इस्माइल रफी को परिवार के 16 सदस्यों के साथ पाकिस्तान स्थित अपना आवास छोड़ना पड़ा। सीमा पार एक अस्थायी तंबू तक पहुंचने में उन्हें छह दिन का समय लगा।
इस्माइल रफी ने पाकिस्तान अधिकारियों पर उनकी स्वदेश वापसी की प्रक्रिया के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस्माइल रफी को हेलमंद प्रांत में अपने पैतृक घर जाने से पहले कंघार में एक किराये के मकान में रहना पड़ा।
तालिबान का पाक से अनुरोध
इस बीच, तालिबान ने हाल ही में अफगान शरणार्थियों को जबरदस्ती निर्वासित न करने का अनुरोध किया। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने हाल ही में आह्वान किया कि अफगान शरणार्थियों की मेजबानी करने वाले देश उन्हें जबरदस्ती निर्वासित न करें, क्योंकि प्रवासियों के पास अभी कोई तैयारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में पिछले 45 सालों में युद्धों की वजह से अफगानों को विभिन्न देशों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि अफगानों ने मेजबान देशों में समस्याएं या अस्थिरता उत्पन्न नहीं की। ऐसे में उन्होंने पड़ोसी देशों से अफगानों के साथ उचित व्यवहार करने का अनुरोध किया।
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पाक सरकार का अल्टीमेटम
सनद रहे कि पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने बिना अफगानी शरणार्थियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया था। इस समय सीमा में तकरीबन 21 लाख अफगानी शरणार्थियों को पाकिस्तान छोड़ने के लिए कहा गया। अगर अफगानी शरणार्थियों ने पाकिस्तान नहीं छोड़ा तो उन्हें जबरन निर्वासन का सामना करना पड़ेगा।