Pakistan In Grey List: FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हुआ पाकिस्तान, भारत ने जताई नाराजगी
आतंक के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली पेरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बुधवार 19 अक्टूबर को पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है जिसे लेकर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने कहा कि यह आतंकवाद से लड़ाई में काला धब्बा है।
By Versha SinghEdited By: Updated: Thu, 20 Oct 2022 05:11 PM (IST)
इस्लामाबाद, एजेंसी। आतंक के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली पेरिस स्थित संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बुधवार 19 अक्टूबर को पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है, जिसे लेकर भारत ने कड़ी नाराजगी जताई है। भारत ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह आतंकवाद से लड़ाई में काला धब्बा है।
FATF सूची से बाहर होने के पाकिस्तान के कदम पर कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने एक निजी टीवी चैनस से बातचीत में कहा कि हमारा पड़ोसी भारत में शांति से खुश नहीं है। दुनिया देख रही है कि कौन सा देश आतंकवाद का समर्थन कर रहा है। हमारा विदेश मंत्रालय (MEA) सतर्क है और उचित कार्रवाई करता है।
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ बर्बरता जारी, देश के सिंध प्रांत में फिर दो हिंदू लड़कियों का अपहरण
जून 2018 से ग्रे लिस्ट में शामिलबता दें कि पाकिस्तान को एफएटीएफ ने जून 2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। एफएटीएफ ने उस वक्त आतंकवाद को होने वाली गलत फंडिंग, अनियमितता, जांच में कमी, गैर सरकारी संस्थानों में मनी लाड्रिंग को विश्व के वित्तीय सिस्टम के लिए बड़ा खतरा माना था। FATF ने पहले पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर काम करने को कहा था। इसके बाद इन बिंदुओं को बढ़ा कर 34 और फिर 40 तक कर दिया गया था। पाकिस्तान को अब पेरिस में होने वाली चर्चा के परिणामों का बेसर्बी से इंतजार हो रहा है।
सिंगापुर के पास है अध्यक्षता
बता दें कि दो साल के लिए FATF की प्रेसिडेंसी सिंगापुर के पास है। 206 मेंबर्स की लिस्ट में IMF, UN, वर्ल्ड बैंक, इंटरपोल और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट भी शामिल हैं। वहीं, ये मीटिंग दो दिन तक चलेगी।इस दौरान दौरान यह भी जांच की जाएगी कि किन देशों की वजह से इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम को खतरा है। इसके बारे में मीडिया को भी जानकारी दी जाएगी। सबसे ज्यादा फोकस ट्रांसपेरेंसी पर होगा।
पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया गया था। उस पर मनी लान्ड्रिंग, टेरर फंडिंग और कमजोर कानून बनाने के आरोप हैं। FATF ने कहा था कि पाकिस्तान की वजह से ग्लोबल फाइनेंशियल सिस्टम खतरे में पड़ सकता है।जून में एक बैठक में FATF ने कहा था कि वह पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रख रहा है, लेकिन प्रगति को सत्यापित करने के लिए साइट पर जाने के बाद इसे हटाया भी जा सकता है।