Pakistan: ईशनिंदा के आरोपी की हत्या के मामले में 50 गिरफ्तार, पुलिस स्टेशन में भीड़ ने पीट-पीटकर कर दी थी हत्या
पूर्वी पाकिस्तान में शनिवार को भीड़ ने पुलिस स्टेशन में घुसकर एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी। उस पर कुरान के अपमान के आरोप लगाए गए हैं। भीड़ का आरोप है कि वारिस नाम के व्यक्ति ने मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान की एक प्रति का अपनाम किया था।
लाहौर, एजेंसी। पाकिस्तान की पुलिस ने ईशनिंदा के आरोप में पहले से गिरफ्तार एक व्यक्ति के अपहरण और लिंचिंग के कम से कम 50 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी सोमवार को अधिकारियों द्वारा दी गई। शनिवार को सैकड़ों गुस्साए लोगों की भीड़ पूर्वी पाकिस्तान प्रांत के ननकाना जिले के पुलिस स्टेशन में एकत्र हो गई। भीड़ में शामिल सदस्यों ने यह चेतावनी दी की वारिस नाम के व्यक्ति ने मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान की एक प्रति का अपनाम किया है।
किताब पर लगाई अपनी तस्वीर
जिला पुलिस प्रमुख बाबर सरफराज अल्पा ने बताया कि भीड़ ने वारिस पर यह आरोप लगया कि उसने किताब के पन्नों पर अपनी, अपनी पत्नी और एक चाकू की तस्वीर चिपकाई और उसे सड़क पर फेंका। पाकिस्तान में ईशनिंदा के लिए मौत की सजा का प्रावधान है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार भीड़ ने शनिवार को वारबर्टन पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया। किसी ने लकड़ी की सीढ़ियों के सहारे दीवार लांघी और मुख्य द्वार खोल दिया जिससे भीड़ अंदर घुस आई। जब तक पुलिस बल कैदी को बचाने के लिए पहुंचती भीड़ उसकी पीट-पीटकर हत्या कर चुकी थी और उसे जलाने ही वाली थी। पुलिस ने भीड़ को तीतर-बितर किया।
निजी दुश्मनी निकालने के लिए लगते हैं आरोप
सोमवार को अल्पा ने बताया कि पुलिस ने हमले में शामिल कम से कम 50 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए छापामारी जारी है। अंतरराष्ट्रीय और पाकिस्तानी अधिकार समूहों का कहना है कि ईशनिंदा के आरोपों का इस्तेमाल अक्सर धार्मिक अल्पसंख्यकों को धमकाने और निजी दुश्मनी निकालने के लिए किया जाता है। पाकिस्तान की सरकार पर लंबे समय से देश के ईशनिंदा कानून में बदलाव का दबाव है। हालांकि इस्लामिस्ट इसका कड़ा विरोध करते हैं। मारे गए वारिस को 2019 में ईशनिंदा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2022 के मध्य तक के लिए कैद की सजा मिली थी।
अधिकारियों को किया बर्खास्त
पुलिस के अनुसार वारिस ने दोबारा कुरान का अपमान किया और कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने उसे पकड़ा और उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने वारिस को हिरासत में ले लिया। लेकिन बाद में भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। भीड़ का कहना था कि वे उसे कुरान की अपना की सजा दे रहे हैं। एक बयान के मुताबिक प्राधिकारियों ने पुलिस स्टेशन के प्रमुख और इलाके के डिप्टी सुप्रिटेंडेंट को हमला न रोक पाने के कारण बर्खास्त कर दिया है।