Pakistan Politics: शहबाज शरीफ के कैबिनेट में शामिल नहीं होगी बिलावल भुट्टो की पार्टी, विदेश मंत्रालय हुआ था ऑफर
Pakistan News द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी संसद में बजट पेश होने से पहले या बाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाले संघीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। यह उन खबरों के बीच आया है कि पीपीपी को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था और इसके लिए मंत्रालयों की भी पेशकश की गई थी।
एएनआई, इस्लामाबाद। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) संसद में बजट पेश होने से पहले या बाद में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाले संघीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी।
यह उन खबरों के बीच आया है कि पीपीपी को सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था और इसके लिए मंत्रालयों की भी पेशकश की गई थी।
बैठक में समर्थन को लेकर नहीं हुई चर्चा
सूत्रों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बिलावल के बीच हाल ही में हुई बैठक के दौरान संघीय कैबिनेट में शामिल होने पर कोई चर्चा नहीं हुई। इसके बजाय बिलावल ने बैठक के दौरान गेहूं की खरीद को अनिवार्य बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।हालांकि, अन्य अंदरूनी सूत्र भी थे, जिन्होंने हाल ही में खुलासा किया था कि सत्तारूढ़ पीएमएल-एन और पीपीपी सत्ता-साझाकरण समझौते को अंतिम रूप देने के करीब थे और बिलावल के पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में लौटने की संभावना थी।
दोबारा विदेश मंत्री बनने को तैयार थे बिलावल
उन्होंने दावा किया कि बिलावल, जो शुरू में कैबिनेट में शामिल होने के लिए इच्छुक नहीं थे, दूसरी बार विदेश मंत्री बनने के लिए सहमत हो गए थे। दोनों पक्ष अब पीपीपी को संघीय मंत्रिमंडल में औपचारिक रूप से शामिल करने के विवरण और समय पर काम कर रहे थे।इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री और बिलावल ने पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के लिए राज्यपालों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए पीएम आवास पर मुलाकात की थी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पीएम शहबाज और बिलावल ने देश की समग्र राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।
हालांकि, एक पीपीपी नेता ने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ गठबंधन में अन्य दल कैबिनेट में पीपीपी चाहते थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने अभी तक इस मामले पर अपने पिछले रुख को बदलने का फैसला नहीं किया है।नेता ने बजट के बाद पीपीपी के कैबिनेट में शामिल होने की खबरों को 'अटकलबाजी' करार देते हुए कहा कि दोनों पक्षों के बीच बैठकों के दौरान ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई थी।