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पाकिस्तान ने पहली बार तोशखाना के उपहारों का रिकार्ड किया सार्वजनिक, इमरान खान ने खरीदी है हीरे-सोने की घड़ी

पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सरकार ने रविवार को तोशखाना के उपहारों का रिकार्ड सार्वजनिक किया। दस्तावेज में पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ पूर्व प्रधानमंत्रियों शौकत अजीज यूसुफ रजा गिलानी राजा परवेज अशरफ नवाज शरीफ और इमरान खान द्वारा रखे गए उपहारों का रिकार्ड है। फाइल फोटो।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 13 Mar 2023 06:10 AM (IST)
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पाकिस्तान ने पहली बार तोशखाना के उपहारों का रिकार्ड किया सार्वजनिक।
इस्लामाबाद, एएनआई। पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार सरकार ने रविवार को तोशखाना के उपहारों का रिकार्ड सार्वजनिक किया। डेली पाकिस्तान के अनुसार 446 पन्नों के दस्तावेज में 2002 से 2023 तक की अवधि का रिकार्ड है। पाकिस्तान के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और मंत्रियों को मिले उपहारों की सूची सार्वजनिक की गई है।

इमरान खान ने 8.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की हीरे-सोने की घड़ी खरीदी

दस्तावेज में पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्रियों शौकत अजीज, यूसुफ रजा गिलानी, राजा परवेज अशरफ, नवाज शरीफ और इमरान खान द्वारा रखे गए उपहारों का रिकार्ड है। रिकार्ड से पता चलता है कि इमरान खान ने 8.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की हीरे-सोने की घड़ी, 15 लाख पाकिस्तानी रुपये की कीमत का एक पेन और 87 लाख पाकिस्तानी रुपये की एक अंगूठी खरीदी।

इमरान ने सभी उपहारों को अपने पास ही रखा

इमरान ने भुगतान करके सभी उपहारों को अपने पास रखा। इसके अलावा उन्होंने 754,000 पाकिस्तानी रुपये भुगतान करके एक और घड़ी अपने पास रखी। सांसदों और नौकरशाहों सहित सभी सरकारी पदाधिकारियों को तोशखाना विभाग में उपहार जमा करना होता है।

चुनाव आयोग ने इमारन खान को घोषित किया था अयोग्य

मालूम हो कि पाकिस्तान चुनाव आयोग ने उपहारों का खुलासा नहीं करने के लिए तोशखाना मामले में नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में पीटीआई प्रमुख को भी अयोग्य घोषित कर दिया था। चुनावी निकाय द्वारा भेजे जाने के बाद संघीय राजधानी में एक जिला और सत्र न्यायालय भी एक आपराधिक मामले की सुनवाई कर रहा है।

पूर्व पीएम पर उपहारों के विवरण छिपाने का आरोप

पाकिस्तानी अखबार डान के मुताबिक, इमरान खान पर विशेष रूप से अपनी संपत्ति की घोषणाओं में उपहारों के विवरण को छिपाने का आरोप है, जिसे उन्होंने तोशखाना से रखा था। मालूम हो कि अधिकारियों को कानूनी रूप से उपहार रखने की अनुमति है। इसके लिए उनको पहले से निर्धारित राशि का भुगतान करना होता है।