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Iran-Pak Row: एयर स्ट्राइक के बाद बैकफुट पर आया पाकिस्तान, ईरान से रिश्ते सुधारने के दिए संकेत

ईरान-पाकिस्तान के बीच जल्द ही रिश्ते सुधर सकते हैं। पाकिस्तान की कैबिनेट ने ईरान के साथ जारी गतिरोध खत्म करने का फैसला किया है। समाचार एजेंसी रायटर्स ने ब्रॉडकास्टर जियो टीवी के हवाले से खबर दी है। कैबिनेट की बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि हम ईरान के साथ गतिरोध को बढ़ाना नहीं चाहते हैं।

By Agency Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 19 Jan 2024 09:12 PM (IST)
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ईरान पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधरने के संकेत। (फोटो- एपी)
रायटर्स, इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने कहा है कि वह ईरान के साथ संबंधों में तनाव नहीं चाहता है। इसलिए इस सप्ताह एक-दूसरे की सीमा में हुए हमलों से पैदा विवाद को बढ़ाना नहीं चाहता है। इस्लामाबाद में शुक्रवार को देश के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के उच्चपदस्थ लोगों की बैठक में स्थिति की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया।

तीनों सेनाओं ने बैठक में लिया हिस्सा

बैठक में कहा गया कि दोनों देशों ने आतंकियों के ठिकानों पर हमले किए हैं, न कि सैन्य अड्डों या नागरिक ठिकानों पर। इसलिए विवाद को लंबा खींचने से बचा जाना चाहिए। कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार उल हक काकर की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की इस बैठक में तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया। इसमें उत्पन्न स्थिति, उसके दूरगामी परिणामों और क्षेत्रीय स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।

इसके बाद विवाद को अपनी ओर से न बढ़ाने का निर्णय लिया गया। सूचना मंत्री मुमताज सोलंगी ने बताया है कि बैठक में ईरान और पाकिस्तान में हुई घटनाओं के मद्देनजर स्थिति की समीक्षा की गई। उसी में राष्ट्रीय हितों को सबसे ऊपर रखते हुए संयम बरतने का निर्णय लिया गया।

तनाव बढ़ाने के पक्ष में नहीं है पाकिस्तान

तुर्किये के समकक्ष के साथ टेलीफोन पर वार्ता में पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जीलानी ने स्पष्ट कहा कि ईरान के साथ संबंधों में तनाव बढ़ाने की पाकिस्तान की इच्छा नहीं है। इससे पहले गुरुवार को ईरान भी कह चुका है कि वह पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है।

मंगलवार देर रात पाकिस्तानी सीमा में ईरान के हमले और उसके बाद गुरुवार सुबह पाकिस्तान के पलटवार के बाद दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। इन हमलों में बलूच चरमपंथियों के तीन संगठनों को दोनों देशों ने निशाना बनाया था। ये संगठन ईरान के सिस्तान प्रांत और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत को मिलाकर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं। क्षेत्रीय लोगों की स्वतंत्र देश की मांग बहुत पुरानी है।

पाकिस्तान इस मांग को दशकों से ताकत के बल पर कुचल रहा है। ईरान ने पाकिस्तान के भीतर जैश अल अद्ल नामक संगठन के ठिकाने को निशाना बनाया था। इस हमले में दो लड़कियों के मारे जाने की जानकारी दी गई थी। जबकि पाकिस्तान ने ईरान के सीमावर्ती क्षेत्र में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के ठिकानों को निशाना बनाया था। इस हमले में नौ लोग मारे गए थे।