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Baluchistan: पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान के लोगों पर क्यों कर रही जुल्म? जबरन घर में घुस रही और...

पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने घर पर छापा मारकर बलूचिस्तान के दो भाइयों को अगवा कर लिया। बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने भी इस घटना को संज्ञान में लिया है। संगठन ने आगे आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने फ्रंटियर कॉर्प्स कैंप के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपना धरना खत्म करने की धमकी दी है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Mon, 17 Jun 2024 05:02 PM (IST)
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बलूचिस्तान में पाकिस्तान सुरक्षा बलों का कहर (Image: ANI)
एएनआई, बलूचिस्तान। पाकिस्तान के फ्रंटियर कोर (एफसी) के जवानों ने बलूचिस्तान के बुलेदा के गिली इलाके में छापा मारा। रविवार सुबह छापेमारी के दौरान जवानों ने दो युवकों शाह जान नूर और सादिक नूर को अगवा कर लिया। बता दें कि दोनों सगे भाई थे।

इस घटना की रिपोर्ट बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर दी। एचआरसीबी ने इस घटना को लेकर कहा कि 16 जून की सुबह 6 बजे, एफसी कर्मियों ने बुलेदा के गिली क्षेत्र में एक घर पर छापा मारा और दो युवा भाइयों, शाह जान नूर और सादिक नूर का अपहरण कर लिया।' HRCB बलूचिस्तान और स्वीडन में संचालन करने वाला एक गैर-लाभकारी मानवाधिकार संगठन है। 

बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद ने लगाए आरोप

संगठन ने आगे आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने फ्रंटियर कॉर्प्स कैंप के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अपना धरना खत्म करने की धमकी दी है। HRCB ने फ्रंटियर कोर द्वारा एक्स पर की गई कार्रवाई के वीडियो को भी शेयर किया।

इसमें लिखा है कि 'आज सुबह, एफसी कर्मियों ने बुलेदा के गिली क्षेत्र में एक घर में घुसे और शाह जान नूर और सादिक नूर बलूच नाम के दो युवा भाइयों को अपने साथ ले गए। उनके परिवार के सदस्य एफसी शिविर के सामने धरना दे रहे हैं, लेकिन एफसी उन्हें विरोध खत्म करने की धमकी दे रहा है।'

परिजनों को दी जा रही धमकी

इस घटना ने मानवाधिकार समूहों और स्थानीय समुदायों में आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है। फ्रंटियर कोर की कार्रवाई और उसके बाद विरोध करने वाले परिवार को दी गई धमकियां गहरी चिंता उजागर करती है। यहां जबरन गायब किए जाने और अपहरण की घटनाएं लगातार होती रही हैं। जैसे-जैसे स्थिति सामने आ रही है, एचआरसीबी और अन्य मानवाधिकार संगठन इन घटनाओं की निगरानी कर रही ही। बलूचिस्तान में प्रभावित परिवारों के लिए जवाबदेही और न्याय की मांग हो रही है। 

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