Move to Jagran APP

बद से बदतर होते जा रहे पाकिस्तान के हालात, बंद होने के कगार पर पहुंचे 6 अस्पताल; डॉक्टरों और नर्सों की रोक दी सैलरी

आर्थिक तंगी से गुजर रहा पाकिस्तान के 6 अस्पताल अब बंद होने की कगार पर पहुंच गए है। इसका मुख्य कारण यह है कि वित्त प्रभाग ने इन अस्पतालों के सुचारू कामकाज के लिए संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 बिलियन पाकिस्तानी रुपया ( पीकेआर) प्रदान करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। टेस्टिंग किट के स्टॉक खत्म होने के कारण इन अस्पतालों की लैब भी जल्द ही बंद हो जाएगी।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 18 Nov 2023 09:47 AM (IST)
Hero Image
बद से बदतर होते जा रहे पाकिस्तान के हालात (Image: Representatives)
एएनआइ, इस्लामाबाद। Pakistan Shut Down: आर्थिक तंगी से गुजर रहे पाकिस्तान में अब अस्पतालों के बंद होने की नौबत आ गई है। इस्लामाबाद के 5 पब्लिक सेक्टर के अस्पताल और लाहौर के शेख जायद अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि वित्त प्रभाग ने इन अस्पतालों के सुचारू कामकाज के लिए संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 11 बिलियन पाकिस्तानी रुपया (पीकेआर) प्रदान करने के अनुरोध को खारिज कर दिया।

पाकिस्तान के डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के कई कर्मचारियों की सैलरी रोक दी गई है। इसके कारण पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (Pims) की नर्सें एक हफ्ते से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। टेस्टिंग किट के स्टॉक खत्म होने के कारण इन अस्पतालों की लैब भी जल्द ही पूरी तरह से काम करना बंद कर देंगी।

मरीजों को नहीं मिल रही दवाइयां

डॉन के अनुसार, रेडियोलॉजी टेस्ट को भी बंद कर दिया जा रहा है क्योंकि फिल्में उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, मरीजों को दवाएं नहीं मिल रही है क्योंकि कंपनियों को टेंडर राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसके कारण जो अस्पताल और विभाग प्रभावित होंगे उनमें संघीय राजधानी के पांच अस्पताल पिम्स, पॉलीक्लिनिक, फेडरल जनरल हॉस्पिटल, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहैबिलिटेशन मेडिसिन (NIRM), डिस्पेंसरी, बुनियादी स्वास्थ्य यूनिट, स्वास्थ्य मंत्रालय के सहायक विभाग और संस्थान शामिल हैं।

लाहौर अस्पताल के हालात बेहद खराब

लाहौर का शेख जायद अस्पताल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि यह संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वित्त पोषण से चलता है। वित्त प्रभाग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखित रूप में सूचित किया है कि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की पूर्व शर्तों के अनुसार, धन केवल आपदा की स्थिति में ही जारी किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि, पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले महीने वित्त मंत्रालय से अस्पतालों, संगठनों और मंत्रालय के सहायक विभागों के सुचारू कामकाज के लिए 11.096 बिलियन पीकेआर का पूरक अनुदान जारी करने का अनुरोध किया था।

क्यों आ रही ऐसी समस्या

वित्त प्रभाग द्वारा लिखे गए और डॉन के पास उपलब्ध पत्र में कहा गया है, 'राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के 11.096 बिलियन पीकेआर के पूरक/तकनीकी अनुपूरक अनुदान के प्रस्ताव पर वित्त प्रभाग में विचार किया गया है।

आईएमएफ के साथ प्रतिबद्धता के अनुसार, नई सरकार के गठन तक (गंभीर राष्ट्रीय आपदा होने को छोड़कर) वित्त वर्ष 2023-24 में संसदीय अनुमोदित स्तर से अधिक किसी भी अतिरिक्त अनबजट खर्च के लिए कोई अनुपूरक अनुदान की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

दवाईयों की भारी कमी, पैदा हुआ संकट

सूत्रों के मुताबिक, वित्त विभाग के इनकार से संघीय मंत्रालय द्वारा संचालित अस्पतालों में संकट पैदा हो सकता है और मरीजों को एक रुपये मूल्य की दवाएं भी नहीं मिल पाएंगी। अस्पताल के एक सूत्र ने डॉन को बताया, 'हमें वर्तमान में दवाओं की भारी कमी की आशंका है क्योंकि हमारे पास निविदाओं के लिए भुगतान करने और लंबित स्टॉक जारी करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है। इसके अलावा, प्रयोगशालाओं में परीक्षण किट, एक्स-रे फिल्मों और अन्य की भी भारी कमी है।'

सूत्र ने कहा कि स्थिति और भी खराब हो सकती है क्योंकि अस्पतालों में कई डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों को या तो वेतन नहीं मिल रहा है या धन की अनुपलब्धता के कारण अगले महीने उनका वेतन रोक दिया जाएगा।

आने वाले महीनों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, दवाइयों और जांच की सुविधाओं की भारी कमी हो सकती है। यहां तक कि आपातकालीन विभाग भी बंद हो सकते हैं।'

यह भी पढ़े: लादेन को पकड़वाने वाले डॉक्टर की पत्नी और बच्चे को बड़ी राहत, जानिए क्या है पेशावर हाईकोर्ट का आदेश

यह भी पढ़े: Pakistan: कंगाल पाकिस्तान की हुई कमाई, रूस के साथ युद्ध के लिए यूक्रेन को बेचे हथियार; 2 अमेरिकी कंपनी से किया था सौदा

वर्ल्ड कप फाइनल के विशेष खबरों के लिए यहां क्लिक करें

https://www.jagran.com/icc-world-cup-2023-finals-know-timeline-key-highlights-memorable-moments-records-winners-and-more.html